रेस्टोरेंट में काम करने वाली लड़की कैसे पहुंचीं अंतरिक्ष में, जानें कात्या की कहानी

कात्या इचज़ारेता अंतरिक्ष में जाने वाली मैक्सिकन मूल की पहली महिला हैं और स्पेस में पहुंचने वाली सबसे युवा महिलाओं में से एक हैं. 

Written by - Mohd Maqusood Khan | Last Updated : Jun 7, 2022, 06:11 PM IST
  • कात्या जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी में मास्टर डिग्री कर रही हैं
  • इससे पहले नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी में काम किया है
रेस्टोरेंट में काम करने वाली लड़की कैसे पहुंचीं अंतरिक्ष में, जानें कात्या की कहानी

लंदन: मेक्सिको के ग्वाडलजारा की रहने वाली एक लड़की कात्या इचज़ारेता ने इतिहास रच दिया है. वह अंतरिक्ष में जाने वाली मैक्सिकन मूल की पहली महिला हैं और स्पेस में पहुंचने वाली सबसे युवा महिलाओं में से एक हैं. पर कात्या इचज़ारेता की जिंदगी कहानी में इससे भी कहीं ज्यादा रोमांच है. 

कात्या इचज़ारेता ने सिर्फ 17 साल की उम्र में McDonald में काम करना शुरू कर दिया था, ताकि वह अपने परिवार का पेट भर सकें. वह आज वह 
एक इंजीनियर और विज्ञान संचारक के रूप में अंतरिक्ष में पहुंच चुकी हैं. वह बताती हैं, "मेरे पास कभी-कभी एक ही समय में चार नौकरियां होती थीं. वह मेरे लिए काफी महत्वपूर्ण था.

वह सात साल की उम्र में अपने परिवार के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका चली गईं. तब वह भाषा नहीं बोलती थी, और एक शिक्षक ने उसे चेतावनी दी थी कि उन्होंने भाषा नहीं सीखी तो उन्हें रोक दिया जाएगा.

कात्या इचज़ारेता इन दिनों जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री पर काम कर रही हैं. इससे पहले कैलिफोर्निया में नासा की प्रसिद्ध जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी में काम किया था.

ब्लू ओरिजिन के राकेट से भरी उड़ान
दरअसल जेफ बेजोस की ब्लू ओरिजिन द्वारा निर्मित एक रॉकेट यात्रियों के अपने पांचवें समूह को अंतरिक्ष के किनारे तक ले गया. 60 फुट ऊंचे सबऑर्बिटल रॉकेट ने वेस्ट टेक्सास में ब्लू ओरिजिन फैसेलिटी से सुबह 9:26 बजे उड़ान भरी. छह लोगों के समूह को पृथ्वी की सतह से 62 मील से अधिक की दूरी तक ले जाया गया. 

अधिकांश यात्रियों ने स्पेस में जाने के लिए अपनी सीटों के लिए एक अज्ञात राशि (सैकड़ों करोड़) का भुगतान किया. लेकिन मेक्सिको की कात्या इचज़ारेता ने इसके लिए कोई रकम नहीं चुकाई. 

हजारों आवेदकों में से चुनी गईं कात्या
कात्या को हजारों आवेदकों के एक पूल से इस मिशन में शामिल होने के लिए स्पेस फॉर ह्यूमैनिटी नामक एक गैर-लाभकारी संस्था द्वारा चुना गया था. संगठन का लक्ष्य अंतरिक्ष में असाधारण लीडर को भेजना और उन्हें अवलोकन प्रभाव का अनुभव करने की अनुमति देना है.

ऐसा इसलिए करना पड़ा क्योंकि अक्सर अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा कहा जाता है कि अंतरिक्ष से पृथ्वी को देखने से उन्हें परिप्रेक्ष्य में गहरा बदलाव मिलता है.
कात्या इचज़ारेता ने बताया कि उन्होंने अपने तरीके से उस अवलोकन प्रभाव का अनुभव किया.

क्या बोली कात्या
कात्या ने बताया, "नीचे देखना और देखना कि कैसे हर कोई नीचे है, हमारा सारा अतीत, हमारी सारी गलतियाँ, हमारी सारी बाधाएँ, सब कुछ - सब कुछ है," उन्होंने कहा. "और जब मैं वापस नीचे आई तो मैं केवल यही सोच सकती थी कि मुझे इसे देखने के लिए लोगों की आवश्यकता है. मुझे इसे देखने के लिए लैटिनस की आवश्यकता है. 

एचाज़ारेटा अंतरिक्ष की यात्रा करने वाली पहली मैक्सिकन मूल की महिला हैं और 1985 में नासा के अंतरिक्ष शटल मिशन में शामिल होने वाले वैज्ञानिक रोडोल्फो नेरी वेला के बाद दूसरी मैक्सिकन महिला हैं.

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