नई दिल्ली.   कहने का तात्पर्य ये है कि उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को दो टूक शब्दों में कह दिया कि वे निरस्त्रीकरण को लेकर उनके प्रस्ताव पर कोई बात नहीं करना चाहते, आपसे जो बने कर लो! 


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एक है महाशक्ति और एक है महा-सनकी


परमाणु निरस्‍त्रीकरण को लेकर दुनिया में एक नये तनाव का जन्म हो रहा है. उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच पैदा हो रहे इस तनाव ने यदि गंभीर रुप दिखाया तो यह परमाणु युद्ध की स्थिति को पैदा कर सकता है क्योंक एक तरफ है दुनिया की महाशक्ति अमेरिका औऱ दूसरी तऱफ है दुनिया का महासनकी किम जोंग उन.


'उत्तर कोरिया कोई राजनीतिक टूल नहीं'


अमेरिका के परमाणु निरस्त्रीकरण के नियमों के पालन की अमेरिकी समझाइश को उत्तर कोरिया ने साफ नकार दिया है जो दोनों देशों में तनातनी बढ़ने की वजह बन सकता है. किम जोंग उन की सरकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को स्पष्ट कर दिया कि कोई बात नहीं होगी, अमेरिका उत्तर कोरिया को अपना राजनीतिक टूल समझने की गलती न करे.


नीति में बदलाव से किया इनकार


उत्तर कोरिया निरस्त्रीकरण को लेकर न नियम मानने को तैयार है न ही कोई बात करने को राजी है. अमेरिका के बातचीत के प्रस्ताव को नकारते हुए उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने साफ साफ कह दिया कि उत्तर कोरिया अपनी नीति में कोई बदलाव नहीं करेगा. प्योंग योंग की इस मनमानी को वाशिंगटन की कूटनीतिक हार करार दिया गया है.


दक्षिण कोरिया की नजदीकियों से चिढ़ा किम


अमेरिका की दक्षिण कोरिया से नजदीकियां वैसे भी किम ने कभी पसंद नहीं की हैं. अब अमेरिका के प्रतिनिधि की दक्षिण कोरिया की यात्रा के बाद उत्तर कोरिया से यह बयान आया है जो वहां के एक वरिष्ठ राजनयिक के हवाले से सामने आय़ा है. उत्तर कोरिया के उप विदेश मंत्री चोई सोन हुई ने साफ कर दिया कि वॉशिंगटन और प्योंगयांग के बीच कोई बात नहीं होगी. 


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