Afghanistan: क्यों चर्चा में है साइगॉन? जानिए क्या थी अमेरिका के हार की ये कहानी

राष्ट्रपति जो बाइडन के कट्टर आलोचक और रिपब्लिकन सीनेटर मिच मैककोनेल सहित कई अमेरिकी सांसदों ने अफगानिस्तान से सैनिकों की वर्तमान वापसी की तुलना वियतनाम युद्ध के अंत में 1975 में साइगॉन से हुई अपमानजनक वापसी से की है.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 16, 2021, 11:05 AM IST
  • जानिए क्या था इतिहास
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Afghanistan: क्यों चर्चा में है साइगॉन? जानिए क्या थी अमेरिका के हार की ये कहानी

नई दिल्लीः अफगानिस्तान में तालिबान का राज आ गया है. लेकिन जिस तरह से तालिबानियों ने अफगानिस्तान की सेना के हौसले पस्त कर बेहद कम समय में ही सत्ता पर कब्जा किया है, उससे अमेरिका की भी किरकिरी हो रही है. दुनियाभर के मीडिया संस्थान यहां तक अमेरिका के भी कई राजनीतिक दल इसे बाइडन की असफलता बता रहे हैं. अमेरिका के पुराने किस्सों को खंगाला जा रहा है. इसी बीच एक नाम फिर से सुर्खियों में है. ये नाम है साइगॉन, आइए जानते हैं कि आखिर क्या था साइगॉन जिसे अफगानिस्तान की इस अफरातफरी से जोड़कर देखा जा रहा है. 

अमेरिका को भागना पड़ा था
दरअसल, वियतनाम में अमेरिका अपना प्रभुत्व जमाने और कम्युनिज्म खत्म करने के नाम पर आया था. लेकिन कहानी कुछ और ही देखने को मिली. हालात ये हो गए थे कि अमेरिका को अपने राजनयिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए साइगॉन में अपने दूतावास के ऊपर हेलिकॉप्टर उतारने पड़े थे. ठीक ऐसा ही हाल इन दिनों अफगानिस्तान का भी है, जहां अमेरिकियों को निकालने के लिए बाइडन सरकार ने अपनी ताकत झोंक दिया है.

कई मीडिया संस्थानों ने लिखा-दुनिया की सबसे ताकतवर और आधुनिक हथियारों से लैस अमेरिकी सेना न तो वियतनाम में कम्युनिस्टों को खत्म कर पाई और न ही अफगानिस्तान में तालिबान को.

बाइडन के विरोधियों ने वियतनाम युद्ध से तुलना की
राष्ट्रपति जो बाइडन के कट्टर आलोचक और रिपब्लिकन सीनेटर मिच मैककोनेल सहित कई अमेरिकी सांसदों ने अफगानिस्तान से सैनिकों की वर्तमान वापसी की तुलना वियतनाम युद्ध के अंत में 1975 में साइगॉन से हुई अपमानजनक वापसी से की है. मैककोनेल ने कहा कि हमारे दूतावास से कर्मचारियों की कटौती और सैनिकों की जल्दीबाजी में तैनाती काबुल के पतन की तैयारी की तरह लगती है.

बाइडन ने साइगॉन से तुलना नकारी थी
यह एक ऐसी तुलना है जो पहले भी की गई है. पिछले महीने जब राष्ट्रपति बाइडन से पूछा गया कि क्या साइगॉन जैसी स्थिति अफगानिस्तान में सामने आएगी? इस पर बाइडन ने कहा था कि कुछ भी नहीं. शून्य. उन्होंने कहा कि ऐसी कोई परिस्थिति नहीं होगी जिसमें आप लोगों को दूतावास की छत से लिफ्ट ऑफ कराते हुए देखेंगे.

क्या था वियतनाम युद्ध
वियतनाम युद्ध 1955 से 1975 तक लड़ा गया था. इस दौरान अमेरिका ने अपने सहयोगी दक्षिणी वियतनाम को उत्तरी वियतनाम की कम्युनिस्ट सरकार से बचाने के लिए सेना भेजी थी. जिस कारण यह रूस के शागिर्द युद्ध उत्तरी वियतनाम की कम्युनिस्ट सरकार और अमेरिकी सेना के बीच लड़ा गया. युद्ध के दौरान अमेरिका ने दो राष्ट्रपति देखे. राष्ट्रपति लिंडन बी जॉनसन के नेतृत्व में अमेरिका ने 1965 में वियतनाम युद्ध में प्रवेश किया.

अगले तीन साल के भीतर अमेरिका ने वियतनाम में अपने 3 लाख सैनिकों को तैनात कर दिया. बाद में, राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने 1969 में पद के लिए चुने जाने के बाद युद्ध की जिम्मेदारी संभाली. इस दौरान अमेरिका में सैनिकों की वापसी एक बड़ा मुद्दा बन चुका था. जनवरी 1974 में अमेरिका ने उत्तरी वियतनाम सरकार के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किया, और अमेरिकी सैनिकों की वापसी शुरू कर दी. इसे पेरिस शांति समझौते के नाम से जाना जाता है.

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अमेरिकी सेना की वापसी के बाद उत्तरी वियतनाम ने समझौते को तोड़ते हुए दक्षिणी वियतनाम पर हमला कर दिया. उस समय तक अमेरिका की अधिकांश सेना वापस आ चुकी थी. हालांकि, राजधानी साइगॉन में तब केवल अमेरिकी राजनयिक और मुट्ठी पर सैनिक ही बचे थे. अपने राजनयिकों को सुरक्षित निकालने और उत्तरी वियतनाम के सैनिकों से बचाने के लिए अमेरिका को दूतावास के छत पर हेलिकॉप्टर उतारना पड़ा था.

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