नई दिल्ली: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पनामा पेपर मामले में दोषी नवाज शरीफ की तबीयत पर बखेड़ा खड़ा होने के बाद पाकिस्तान की इमरान सरकार बैकफुट पर आ चुकी है. पाक के मंत्रिमंडल ने मंगलवार को शरीफ को इलाज कराने के लिए विदेश जाने की अनुमति दे दी है. यानी इतने दिन के घमासान के बाद पाकिस्तान सरकार को ये फैसला लेने पर मजबूर होना ही पड़ा.


क्यों नहीं मिल रही थी अनुमति


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वो शख्स जिसे दुनिया नवाज शरीफ के तौर पर पहचानती है, वो बिस्तर पर पड़ा-पड़ा कराह रहा है. इलाज के लिए नवाज शरीफ को विदेश जाना था, लेकिन उनका नाम नो फ्लाई लिस्ट में शुमार था. जिसके चलते वो विदेश क्या अपने देश में भी हवाई यात्रा नहीं कर सकते थे. इमरान सरकार नवाज को इलाज के लिए विदेश जाने की अनुमति नहीं दे रही थी, जिसके बाद पाकिस्तान में बवाल शुरू हो गया. पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग जिसके नवाज शरीफ मुखिया हैं, उसका एक-एक कार्यकर्ता रो रहा था और इमरान खान की जालिम हुकूमत पर ये आरोप लगा रहा था कि वो मियां नवाज शरीफ की जान लेने पर तुली हुई है. जिसके बाद सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में इमरान सरकार की जबरदस्त थू-थू होने लगी. और फिर मजबूरी में पाकिस्तान की सरकार ने नवाज शरीफ को इलाज के लिए विदेश जाने की अनुमति दे दी.


69 साल के नवाज शरीफ को डॉक्टरों ने इलाज के लिए ब्रिटेन जाने की सलाह दी, जिसके बाद उनके परिवारवालों ने उन्हें समझाया और वो इलाज के लिए विदेश जाने के लिए राजी हो गए. लेकिन उनके मुल्क में सियासी दुश्मन इमरान खान की सरकार हिटलर के रूप में दिखाई देने लगी. लेकिन बवाल बढ़ता देख उन्हें ये फैसला लेने के लिए आखिरकार झुकना ही पड़ा.


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पीएमएलएन प्रवक्ता ने दी जानकारी


पीएमएलएन की प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने ट्वीट कर कहा, 'डॉक्टरों ने कहा है कि शरीफ को फौरन विदेश ले जाने की जरूरत है. उनकी यात्रा में देरी से उनकी सेहत पर खतरा बढ़ रहा है. उन्हें विदेश यात्रा के लिए तैयार करने के लिए स्टेरॉयड का हैवी डोज दिया जा रहा है.'



इससे पहले नवाज शरीफ के बेटे ने पाकिस्तान की सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए ये कहा था कि उनके पिता को जेल में जहर देकर मारने का षड्यंत्र रचा जा रहा है. 


किस मामले में शरीफ को मिली सजा?


आपको बता दें, कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, उनकी बेटी मरियम और उनके दामाद मोहम्मद सफदर पर एवनफील्ड प्रॉपर्टीज, अल-अजीजिया और फ्लैगशीप इंवेस्टमेंट मामले में एक केस चल रहा था. इस मामले में साल 2018 के जुलाई माह में दोषी पाए जाने के बाद शरीफ और उनके परिवार को सजा सुनाई गई. इस मामले में पूर्व पाकिस्तानी पीएम को 11 साल, उनकी बेटी को 8 साल और दामाद को 1 साल की सजा सुनाई गई. जिसके बाद उन्हें इस्लामाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी. लेकिन दिसंबर 2018 में अल-अजीजिया स्टील मिल्स केस में एक बार फिर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री को 7 साल की सजा सुनाई गई, जिसके चलते वो जेल में हैं. जेल में रहने के दौरान कई बार नवाज शरीफ की तबीयत बिगड़ने की खबर आती रहती है. लेकिन इस बार मामला कुछ ज्यादा ही गंभीर हो गया है. जिसके चलते इमरान खान की सरकार बैकफुट पर आ गई.