नई दिल्ली.   हाल ही में लद्दाख सीम पर स्थित गलवान घाटी में भारत-चीनी सेनाओं के बीच खूनी संघर्ष देखने में आया है और इसके बाद अब नेपाल ने भी इंडो-नेपाल बॉर्डर पर अपनी सैनिक गतिविधियां बढ़ा दी हैं. नेपाल के सेनाध्यक्ष ने छांगरू सीमा पर नेपाली सेना की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया.


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सशस्त्री प्रहरी के आई जी ने लिया जायजा


नेपाल की थल सेना को नेपाल में सशस्त्र प्रहरी का नाम दिया गया है. बुधवार 17 जून को नेपाल के सेनाध्यक्ष  पूरण चंद्र थापा छांगरू सीमा पर पहुंचे.  नेपाल सशस्त्र प्रहरी अर्थात आर्म्ड पुलिस फाॅर्स मूल रूप से नेपाल की पैरामिलिटरी फाॅर्स है. नेपाल सशस्त्र प्रहरी के आईजी शैलेन्द्र भी हेलीकॉप्टर से दार्चुला पहुंचे.  दोनों सैन्य अधिकारियों ने नेपाल के छांगरू क्षेत्र पर स्थित बॉर्डर आउटपोस्ट का जायजा लिया और नेपाली सेना की व्यवस्थाओं निरीक्षण किया.  


नेपाल सेनाध्यक्ष ने जारी किया बयान


नेपाल की सेना के सर्वोच्च अधिकारी पूरण चंद्र थापा ने कालापानी क्षेत्र स्थित छांगरू सीमा पर सैन्य व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने के उपरान्त बयान जारी करते हुए कहा कि भारत की सीमा से सटी हुई नेपाल की 125 किलोमीटर पर और चीन सीमा से जुड़ी हुई 20 किलोमीटर की सीमा पर नेपाली सेना पूरी मुस्तैदी से पहरा दे रही है.



 


भारतीय क्षेत्र को नये नक्शे में शामिल किया है


नेपाल ने हाल ही मे भारत कैलाश मानसरोवर यात्रा रूट पर लिपुलेख तक सड़क बनाने के भारत के काम पर विरोध जताया है और उसकी प्रतिक्रिया में नेपाल ने अपना एक नया नक्शा तैयार किया है जिसमें भारतीय क्षेत्र के लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को भी अपनी जमीन बताते हुए अपने नक्शे में शामिल कर लिया है. अब नेपाली सीमा पर उसकी सैन्य गतिविधियां बढ़ने लगी हैं.


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