सियोल: उत्तर कोरिया ने कहा है कि उसने एक ट्रेन से बैलिस्टिक मिसाइल का प्रायोगिक परीक्षण किया है, जिसे अमेरिका के जो बाइडन प्रशासन द्वारा लगाए गए हालिया प्रतिबंधों का जवाब माना जा रहा है. ट्रेन से मिसाइल दागकर इनकी कहीं से हमले की क्षमता बढ़ जाती है. 


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दक्षिण कोरिया की सेना की रिपोर्ट
दक्षिण कोरिया की सेना ने कहा था कि उसे उत्तर कोरिया द्वारा दो मिसाइलें समुद्र की ओर दागे जाने का पता चला, जो इस महीने में उसका तीसरा मिसाइल परीक्षण है. इसके एक दिन बाद उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया ने यह जानकारी दी. इस परीक्षण के कुछ समय पहले ही उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने देश के पूर्व के परीक्षणों को लेकर उस पर नए प्रतिबंध लगाने के लिए अमेरिका की आलोचना की थी और यह चेतावनी दी थी कि अगर अमेरिका ‘टकराव वाला रवैया’ बनाए रखता है तो उसके खिलाफ सख्त और कड़े कदम उठाए जाएंगे. 

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जानेंगे क्या होती हैं ट्रेन वाली मिसाइलें


रेल कारों से दागी गई मिसाइलें एक ठोस-ईंधन शॉर्ट-रेंज हथियार प्रतीत होती हैं. उत्तर कोरिया ने रूस के इस्कंदर मोबाइल बैलिस्टिक सिस्टम की नकल की है. 2019 में पहली बार परीक्षण किया गया, मिसाइल को पैंतरेबाज़ी करने और कम ऊंचाई पर उड़ान भरने के लिए डिज़ाइन किया गया है, संभावित रूप से मिसाइल सिस्टम से बचने और हमले की क्षमता में सुधार करता है. 


रेलवे-जनित मिसाइल रेजिमेंट' वह होती है जिसने रेल पटरियों के साथ हथियार प्रणाली को पहुँचाया और इस्तेमाल किया. उत्तर कोरिया ने पहली बार इन मिसाइलों को अपने लॉन्च विकल्पों में विविधता लाने के अपने प्रयासों के हिस्से के रूप में लॉन्च किया था, जिसमें अब विभिन्न वाहन शामिल हैं और अंततः पनडुब्बियां शामिल हो सकती हैं.


एक ट्रेन से मिसाइल दागने से गतिशीलता बढ़ सकती है, लेकिन कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया के अपेक्षाकृत छोटे क्षेत्र से चलने वाले सरल रेल नेटवर्क संकट के दौरान दुश्मनों द्वारा जल्दी से नष्ट हो जाएंगे.


नई मिसाइलों का परीक्षण तेज
उत्तर कोरिया ने हाल के महीनों में नई मिसाइलों का परीक्षण तेज कर दिया है. कुछ विशेषज्ञों ने कहा है कि उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग कुछ रियायतों की मांग करने के लिए बातचीत की पेशकश से पहले मिसाइल परीक्षणों के जरिए अपने पड़ोसियों और अमेरिका पर दबाव बनाने की अपनी सोची समझी रणनीति को फिर से अपना रहे हैं. 


उत्तर कोरिया की आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) ने कहा कि शुक्रवार के अभ्यास का उद्देश्य सेना की रेल-जनित मिसाइल रेजिमेंट की क्षमता की जांच करना था. उत्तर कोरिया के ‘रोडोंग सिनमुन’ अखबार ने धुएं में घिरे रेल के डिब्बों से ऊपर उड़ रहीं दो अलग-अलग मिसाइलों की तस्वीरें प्रकाशित कीं.


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