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नई दिल्ली.  इज़राइल के राष्ट्रवादी नेता बेंजामिन नेतान्याहू पीएम मोदी के अच्छे मित्र भी हैं और उनकी तरह ही वे अपने देश में भी गैर-राष्ट्रवादी ताकतों से टकरा रहे हैं. इस बार हुए आम चुनावों में एक्ज़िट पोल्स के नतीजे उनके लिए चौंकाने वाले साबित हो रहे हैं किन्तु नेतान्याहू ने इस चुनौती को स्वीकार किया है. वे गठबंधन करके आगे बढ़ेंगे और अपने नेतृत्व से अपने देश को आगे बढ़ाएंगे.



 


लिकुड पार्टी को मिले सबसे अधिक वोट 


इस्राइल में एग्जिट पोल नतीजे के बाद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने अपनी रणनीति बदली है. वे अब गठबंधन की तैयारी में जुट गए हैं. उन्होंने देश की भावी गठबंधन सरकार बनाने के लिए सभी संभावित सांसदों से बातचीत प्रारम्भ कर दी है. नेतन्याहू की अपनी पार्टी -लिकुड पार्टी को एग्जिट पोल में सबसे अधिक सीटें मिली हैं किन्तु उनको मिलने वाले 59 सीटें अभी भी दो और सीटों की दरकार रखती हैं क्योंकि सरकार बनाने के लिए कुल 61 सीटें उन्हें चाहिए.


साल में तीसरे चुनाव हुए हैं इज़राइल में


इस बार इज़राइल की चुनावी फिजा पहले से काफी अलग रही. इस वर्ष इस देश में एक साल के भीतर तीसरी बार संसदीय चुनाव हुए हैं. अभी हालिया इन चुनावों में कुल 71 फीसदी का मतदान देखा गया. बहु-प्रतीक्षित एग्जिट पोल ने संकेत किया है कि नेतन्याहू की दक्षिणपंथी लिकुड पार्टी अपनी मुख्य प्रतिद्वंद्वी ब्लू एंड व्हाइट पार्टी से बेहतर हालत में है. ब्लू एन्ड व्हाइट मध्य-पंथी राजनीतिक विचारधारा की पार्टी है.  



 


जनता ने आरोपों को नकारा 


राष्ट्रवादी नेता नेतन्याहू पर विपक्षियों ने कई आरोप लगाए हैं लेकिन इनसे प्रधानमंत्री की लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई है. इस बार हुए भारी मतदान से स्पष्ट हो गया है कि जनता का उन पर विशवास अडिग है. मीडिया की तरफ से जारी किया गया एग्जिट पोल इस बात का दावा कर रहा है  कि नेतान्याहू की पार्टी और उनके सहयोगी दलों को लगभग 60 सीटें प्राप्त हो सकती हैं जो कि उनके सरकार बनाने का मार्ग प्रशस्त करेंगी. फिलहाल अंतिम परिणाम की घोषणा का इज़रायली जनता को बेकरारी के साथ इंतज़ार है. आम जनता के सर्वेक्षण से पता चला है कि वो नेतान्याहू को फिर प्रधानमंत्री देखना चाहती है.


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