अब कोरोना वाले ईरान में फंसे भारत के कश्मीरी छात्र

चीन के बाद कोरोना का बड़ा शिकार बना है ईरान. दो सौ से अधिक कश्मीरी भारतीय छात्र ईरान में भी फंसे हुए हैं. इन छात्रों ने भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है कि हमको यहां से बाहर निकाला जाये और हमारी जान बचाई जाये..  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 1, 2020, 01:23 PM IST
    • अब ईरान के कोरोना में फंसे भारतीय छात्र
    • फंसे कश्मीरी छात्रों ने लगाई मदद की गुहार
    • शिराज विश्वविद्यालय में फंसे हैं कश्मीरी छात्र
    • विश्वविद्यालय बंद कर दिया गया है
अब कोरोना वाले ईरान में फंसे भारत के कश्मीरी छात्र

 

नई दिल्ली. भारत की मोदी सरकार ने न केवल भारत में अपने मुसीबतजदा नागरिको का ध्यान रखा है बल्कि भारत से बाहर भी हमेशा भारतवंशियों का ख्याल रखा है और परेशानी की स्थिति में उनको हरसम्भव सहायता प्रदान की है. चीन से भारतीय छात्रों को वापस लाने के बाद अब भारत सरकार पर दूसरी बड़ी ज़िम्मेदारी आई है ईरान की तरफ से. ईरान से खबर आई है कि राजधानी तेहरान के यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेस और दूसरे महाविद्यालयों में करीब 230 कश्मीरी छात्र फंसे हैं. 

 

फंसे कश्मीरी छात्रों ने लगाई मदद की गुहार 

माना जा रहा है कि चीन के बाद अगर कहीं कोरोना का कहर सबसे ज्यादा है तो वो ईरान है. यहां अब तक कोरोना तैंतालिस लोगों की जाने ले चुका है. यहां कोरोना के संक्रमण के अतिक्रमण के बीच भारत के छात्र फंस गए हैं. दो सौ से अधिक की संख्या के इन छात्रों ने भारत की मोदी सरकार से इनको यहां से बाहर निकालने में मदद के लिए गुहार लगा है. ये छात्र तुरंत यहां से भारत वापस आना चाहते हैं. 

शिराज विश्वविद्यालय में फंसे हैं कश्मीरी छात्र

ईरान की राजधानी तेहरान में है एक अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय जो कि शिराज विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता है. हर देश के छात्रों की तरह भारत के छात्रों ने भी यहां विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश लिया है और अध्ययनरत हैं. कोरोना की हालिया प्रकोप ने ईरान को भी अपनी परिधि में ले लिया है और अब इन भारतीय छात्रों का यहां रुकना खतरे से खाली नहीं है.

 

विश्वविद्यालय बंद कर दिया गया है 

तेहरान में शिराज विश्वविद्यालय को त्वरित प्रभाव से बंद करने के आदेश आने के बाद विश्वविद्यालय की कक्षाओं और कार्यालयों को ताला लगा दिया गया है. ये कदम  कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए उठाया गया है. ज़ाहिर है अब छात्रों के लिए फिलहाल शैक्षिक गतिविधियों के रुक जाने से घर वापसी का विकल्प ही बेहतर है क्योंकि वैसे भी वहां फ़ैल रहा कोरोना संक्रमण कभी भी इन छात्रों तक पहुँच सकता है.

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