नई दिल्ली: आतंकी गतिविधियों को मिलने वाले धन की निगरानी करने वाली संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े मदरसों के खिलाफ कार्रवाई पर पाकिस्तान से स्पष्टीकरण और आंकड़े मांगे हैं. आतंक को पनाह देने वाले मुल्क पाकिस्तान की करतूत किसी से छिपी नहीं है.


टेरर फंडिंग पर पाकिस्तान की सफाई


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पाकिस्तान ने पेरिस स्थित निगरानी संस्था FATF को एक रिपोर्ट सौंपकर आतंकवाद और टेरर फंडिंग पर रोक लगाने के लिए अपनी सफाई पेश की है. इस रिपोर्ट में पाकिस्तान ने बताया है कि इमरान सरकार ने टेरर फंडिंग पर रोकथाम के लिए किन-किन कदमों को उठाया है.


FATF ने पाकिस्तान को फरवरी 2020 तक 'ग्रे' लिस्ट में शामिल कर रखा है. संस्था ने अक्टूबर में चेतावनी दी थी कि अगर पाकिस्तान 27 सूत्री सूची में शेष 22 बिंदुओं पर अनुपालन नहीं करता है तो उसे ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जाएगा. जिससे उसका हुक्का पानी बंद हो जाएगा.


22 सवालों का दिया था जवाब


पाकिस्तान ने 6 दिसंबर को 22 सवालों का जवाब देते हुए एफएटीएफ को एक रिपोर्ट सौंपी थी. इस रिपोर्ट की प्रतिक्रिया में एफएटीएफ के संयुक्त समूह ने पाकिस्तान को 150 सवाल भेजे हैं और कुछ स्पष्टीकरण, ताजा जानकारी तथा प्रतिबंधित संगठनों से संबद्ध मदरसों के खिलाफ कार्रवाई के बारे में जानकारी मांगी है.


जानकारी के अनुसार पाकिस्तान को 150 सवालों का जवाब देने के लिए आठ जनवरी 2020 की समय सीमा दी गई है.


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एफएटीएफ की अगली बैठक बीजिंग में आगामी 21 जनवरी से 24 जनवरी के बीच प्रस्तावित है, जहां पाकिस्तान को रिपोर्ट पर अपने पक्ष का बचाव करने का मौका दिया जाएगा. वहीं, पाकिस्तान जून 2020 तक समय सीमा में छूट चाहता है जब एफएटीएफ की पूर्ण समीक्षा बैठक होने वाली है. पाकिस्तान अपनी करतूत से बार बार अंतर्राष्ट्रीय मंच पर बेइज्जत होता रहता है. लेकिन फिर भी अपने मुल्क में आतंकियों को पनाह देता है. ऐसे में पाकिस्तान की करतूत बताती है कि वो एक आतंकिस्तान में तब्दील हो चुका है.


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