नई दिल्ली: क्या पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पर भारत के पराक्रम दिखाने का समय आ चुका है? क्या PoK को पाकिस्तान से आजाद कराने और फिर से भारत में शामिल करने का समय आ चुका है? ये सवाल इसलिए उठा क्योंकि पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने PoK पहुंचकर बहुत बड़ी हिमाकत कर दी. उन्होंने PoK में चुनावी रैली के दौरान जनमत संग्रह कराने का ऐलान कर दिया.
इमरान ने फिर छेड़ा कश्मीर राग
पाकिस्तान के पीएम ने फिर कश्मीर राग छेड़ दिया है. इमरान खान ने कश्मीर में रेफरेंडम का राग अलापा और PoK में चुनावी रैली के दौरान जनमत संग्रह का दांव खेला. उन्होंने मतदान से पहले जनमत संग्रह का वादा किया.
इमरान ने कहा कि कश्मीर के लोगों के लिए पाकिस्तान की सरकार जनमत संग्रह कराने जा रही है. इस जनमत संग्रह से ये पता चलेगा कि कश्मीर के लोग चाहते क्या हैं? क्या वो पाकिस्तान में शामिल होना चाहते हैं या फिर अलग राज्य चाहते हैं? सवाल ये है कि इमरान ने इतनी बड़ी गुस्ताखी कैसे कर दी? जबकि पूरे पाकिस्तान को पता है कि पीओके में पाकिस्तान का अवैध कब्जा दशकों से है. इमरान ने कहा कि कश्मीरी भारत नहीं, पाकिस्तान में शामिल होंगे.
PoK में चुनाव वाली चाल?
रविवार को PoK में विधानसभा के चुनाव होंगे. शुक्रवार को PoK पहुंचकर इमरान ने रैली की. PoK के तरार खल में इमरान ने चुनावी रैली की. रैली में इमरान ने जनमत संग्रह का पासा फेंका. चुनाव में विपक्ष के धांधली के आरोपों का जवाब दिया. PoK को प्रांत के रूप में बदलने का दावा खारिज किया.
PoK में इमरान ने क्या कहा?
उन्होंने हा कि '1948 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के दो प्रस्ताव थे. प्रस्तावों से कश्मीरियों को भविष्य तय करने का अधिकार है, लोगों को तय करना था कि वो क्या चाहते हैं? वे हिंदुस्तान में शामिल होना चाहते हैं या पाकिस्तान में? एक दिन आएगा जब बलिदान बेकार नहीं जाएंगे. कश्मीरियों के लिए सरकार जनमत संग्रह कराएगी. पाकिस्तान सरकार ये पता लगाने की कोशिश करेगी कि कश्मीरी पाक में शामिल होना चाहते हैं या फिर कश्मीर के लोग आजाद राज्य चाहते हैं?'
PoK पर भारत का स्टैंड
भारत ने साफ कर दिया है कि पीओके हमारा है, जिसपर पाकिस्तान ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है. जितनी जल्दी इमरान खान को ये समझ आ जाए वो बेहतर है. अगस्त 2019 में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि 'PoK भारत का अभिन्न अंग, PoK के लिए जान भी दे देंगे.'
अगस्त 2019 में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि 'पाकिस्तान से बात करने का कोई कारण नहीं बात होगी तो पाक अधिकृत कश्मीर पर और किसी मुद्दे पर बात नहीं होगी.'
वहीं सितंबर 2019 में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बोला था कि 'PoK भारत का हिस्सा है और एक दिन ये हमारा भौगोलिक हिस्सा भी होगा.' वहीं सितंबर 2019 में ही राज्यमंत्री PMO जितेंद्र सिंह ने कहा था कि 'हमारा अगला एजेंडा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को वापस लेना और उसे भारत का हिस्सा बनाना है.'
भारत के नये नक्शे में 'PoK'
केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू-कश्मीर लद्दाख का नया नक्शा जारी किया. सर्वेअर जनरल ऑफ इंडिया ने जम्मू-कश्मीर, लद्दाख का नक्शा जारी किया. नये नक्शे में PoK के मीरपुर, मुजफ्फराबाद को जम्मू-कश्मीर का जिला बताया. PoK के गिलगिट-बाल्टिस्तान को नये नक्शे में लेह जिले का हिस्सा बताया गया. चिल्हास, ट्राइबल टेरिटरी और अक्साई चिन को लेह जिले में शामिल किया गया. ये फैसला नवंबर 2019 में लिया गया था.
PoK की आजादी जरूरी क्यों?
यहां आपको बताते हैं कि PoK की आजादी क्यों जरूरी है. दरअसल पीओके पर पाकिस्तान का अवैध कब्जा है. सरकार वहां कठपुतली की तरह काम करती है. यहां आतंकियों का नियंत्रण होता है. जनता की मांग है कि उन्हें आजादी मिले.
PoK पर पाकिस्तानी सेना का अत्याचार
PoK की 40 लाख आबादी है. जहां कश्मीरी मुस्लिमों की संख्या बहुत कम है. PoK की आबादी का 85% पंजाबी मुसलमान है. PoK की आबादी में 65% युवा है. 78% घरों में जल आपूर्ति के लिए नल नहीं है. PoK में ज्यादातर युवा बेरोजगार हैं. आवाज उठाने पर उत्पीड़न किया जाता है. सेना पर महिलाओं से अभद्र व्यवहार का आरोप है.
पाक अधिकृत कश्मीर को जानिए
PoK का क्षेत्रफल करीब 13 हजार वर्ग किलोमीटर है. आबादी 40 लाख है. यदि PoK की सीमा के बारे में जानें तो पश्चिम- पाकिस्तान का पंजाब और खैबर पख्तूनवा, उत्तर-पश्चिम- अफगानिस्तान का वखन कॉरिडोर, उत्तर- चीन का जिंगजियांग, पूर्व- जम्मू-कश्मीर है.
PoK का प्रशासनिक बंटवारे के बारे में पहले हिस्से को पाकिस्तान आजाद कश्मीर कहता है. दूसरा हिस्सा गिलगिट-बाल्टिस्तान है. कुल मिलाकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान चाहें जितनी कोशिश कर लें, उनकी सारी नापाक कोशिश को भारत नाकाम करने का बखूबी दम रखता है.
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