नई दिल्ली: पाकिस्तान में अगले सेना प्रमुख के नाम को लेकर चर्चा शुरू होने वाली है. कयास लगाए जा रहे हैं कि अगले माह तक इस नाम पर मुहर भी लग सकती है. एक मीडिया रिपोर्ट में ये दावा किया गया है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ जल्द ही सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा के उत्तराधिकारी को लेकर फैसला ले सकते हैं. इस पद की दौड़ में तालिबान के साथ चाय पीने वाले फैज हमीद भी शामिल हैं.


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पाकिस्तान आर्मी के मुखिया की रेस में हमीद
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के प्रमुख रहे फैज हमीद का नाम भी उस दौड़ में शामिल है. आपको उस किस्से के बारे में बताते हैं, जब फैज हमीद चुपचाप काबुल पहुंच गए थे और वो भी उस वक्त जब पूरी दुनिया की निगाहें तालिबान पर थी.


तालिबान ने अफगानिस्तान पर 15 अगस्त, 2021 को कब्जा कर लिया था. पूरी दुनिया ने काबुल की गलियों में हथियार लहराते तालिबानियों का खौफनाक मंजर अपनी आंखों से देखा. ये आरोप लगने लगा था कि पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी ISI तालिबान की मदद कर रहे हैं. इस आरोप का सबसे मजबूत कारण था हक्कानी नेटवर्क. तालिबान के साथ हक्कानी नेटवर्क भी अफगानिस्तान की लोकतांत्रिक सरकार को खत्म करने में लगा हुआ था. ये शक उस वक्त यकीन में बदला जब आईएसआई चीफ फैज हमीद अचानक सितंबर, 2021 में चुपचाप काबुल पहुंच गए.


इस होटल में तालिबान नेताओं से मिले फैज हमीद
काबुल में भव्य सेरेना होटल है जो पांच सितारा सुविधाओं से लैस है. फैज हमीद इस होटल में तालिबान के कई बड़े नेताओं के साथ चाय पीते नजर आए. बताया जाता है कि इत्तेफाकन वहां एक ब्रिटिश महिला पत्रकार भी मौजूद थीं और उन्होंने फैज हमीद की तस्वीर कैमरे में कैद कर ली.


महिला पत्रकार के सवाल का क्या दिया जवाब?
रिपोर्ट में ये भी बताया गया था कि उस पत्रकार ने फैज से कुछ सवाल भी पूछे जिसके जवाब में उन्होंने कहा-'All Is Well..' बस फिर क्या था, यहीं से ये खबर आग की तरह फैल गई. पूरी दुनिया ने ये आरोप लगाना शुरू कर दिया कि तालिबान ने पाकिस्तान की मदद से ही अफगानिस्तान पर कब्जा किया है.


हालांकि अमेरिका ने इसे लेकर पाकिस्तान पर ज्यादा ही दबाव बना दिया. अमेरिका के साथ-साथ पाकिस्तान आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा भी इमरान खान पर दवाब बनाने लगे. आखिरकार दबाव इतना बढ़ गया कि इमरान ने हमीद के खिलाफ एक्शन ले लिया और उन्हें आईएसआई चीफ के पद से हटा दिया. इसके बाद हमीद को पेशावर कॉर्प्स कमांडर का चीफ बनाकर भेज दिया गया.


पाक आर्मी चीफ से फैज हमीद की थी अनबन
फैज हमीद जब आईएसआई चीफ थे, तभी इमरान खान के सबसे भरोसेमंद लोगों की सूची में शुमार थे. फैज हमीद का आर्मी चीफ बाजवा के साथ विवाद का पुराना नाता भी रहा है. करीब चार साल पहले की बात है, रावलपिंडी में आर्मी के एक हाउसिंग प्रोजेक्ट पर काफी मतभेद की खबरें सामने आने लगी थी. इसी के बाद इमरान खान ने उस वक्त के आर्मी चीफ बाजवा को तीन साल के लिए एक्सटेंशन दे दिया था. रस्साकशी की बात इसी के बाद सामने आ गई. फैज हमीद और बाजवा का विवाद उसी वक्त उजागर हो गया था.


फैज पर आरोप लगा कि उन्होंने बिना बाजवा को भरोसे में लिए कई फैसले ले लिये थे. इसके पीछे की वजह ये बताई जाती है कि फैज को इमरान खान का खुला समर्थन था. हालांकि इमरान खान ने दबाव में आकर ही सही, फैज को ISI के डीजी पद से हटा दिया था.


क्या आर्मी चीफ बनेंगे हमीद!
अब सवाल है कि क्या कभी इमरान खान के सबसे करीबी रहे और कमर जावेद बाजवा के धुर विरोधी रहे फैज हमीद को पाकिस्तान की सेना की कमान दी जाएगी. क्या पाकिस्तान में ऐसा भी देखा जाएगा कि बाजवा की खिलाफत करने वाले हमीद उन्हें रिप्लेस करते हैं. हालांकि आर्मी चीफ बनने के वरियता क्रम में उनसे ऊपर चार लोगों के नाम हैं.


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