कोरोना के बर्बादी की कगार पर पाकिस्तान! अबतक 185 से ज्यादा मरीज
कोरोना नाम का कहर, पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में जहर की तरह फैल रहा है. पिछले दो दिनों में पाकिस्तान पर इस कदर संकट गहराया है कि मरीजों की संख्या 186 पहुंच गई है. जिसमें सबसे ज्यादा मामले सिंध में सामने आए हैं. यहां 150 से ज्यादा मरीज कोरोना की चपेट में हैं.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस से दुनियाभर में दहशत का माहौल है, लेकिन पाकिस्तान बर्बादी की कगार पर जाता दिखाई दे रहा है. यहां कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों की संख्या 185 के पार पहुंच गई है. पाकिस्तान को शायद अपने मुल्क के लोगों को मौत के मुंह में झोंकने में सुकून मिलता है. तभी तो, जब वैश्विक स्तर पर चर्चा की जा रही थी तब उसे कश्मीर राग अलापने में मजा आ रहा था.
कोरोना से बर्बादी की कगार पर पाकिस्तान
24 घंटे में पाकिस्तान में कोरोना वायरस संक्रमण के 90 से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं. दक्षिणी सिंध प्रांत में सभी नए मामले सामने आए. सिंध में संक्रमित लोगों की संख्या 150 तक पहुंच गई है. इसी के साथ पाकिस्तान में आंकड़ा बढ़कर 185 के पार पहुंच गया. यानी हालात तेज़ी से बिगड़ रहे हैं, ये समझने की बजाये पाकिस्तान कश्मीर का राग अलाप रहा है. जबकि वहीं पाकिस्तान को छोड़कर बाक़ी सार्क देशों ने पीएम मोदी के पहल की जमकर तारीफ की थी.
बीते दो दिनों में पाकिस्तान में कोरोना का कहर इस कदर बरपा है कि वहां, हर कोई खौफ के साए में जीने को मजबूर हो गए हैं. पड़ोसी मुल्क में अबतक कुल कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 186 पहुंच गई है. आपको बता दें, पाकिस्तान के सिंध में कोरोना मरीजों की संख्या 150 पहुंच गई है तो वहीं, खैबर पख्तूनख्वा में 15 मरीजों की बात सामने आई है, बलूचिस्तान में 10, गिलगित-बाल्टिस्तान में 5, इस्लामाबाद में 2 और पंजाब में अबतक 1 कोरोना से संक्रमित मरीज की पुष्टि हुई है.
इमरान को अपने लोगों की परवाह नहीं
पाकिस्तान में कोरोना वायरस से हाहाकार मचा हुआ है, हर कोई ये जानने की कोशिश कर रहा है कि पाकिस्तान में कोरोना वायरस कंट्रोल कैसे होगा? पाकिस्तान की जनता इस बात की चिंता कर रही है, लेकिन इमरान खान को इसकी कोई परवाह नहीं है. उनके लिए कोरोना से भी बड़ा कश्मीर हो गया है.
1. रविवार को प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वायरस पर सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्षों से बात की
2. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सार्क नेताओं से कोरोना की गंभीरता पर चर्चा की
3. भारत ने अपनी तरफ से सार्क देशों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया
4. पाकिस्तान की तरफ से इमरान खुद चर्चा में शामिल नहीं हुए, उन्होंने अपने स्वास्थ्य मंत्री को चर्चा के लिए भेजा
5. इस दौरान पाकिस्तान ने कोरोना जैसे गंभीर मुद्दे पर भी कश्मीर का राग अलापा, जम्मू-कश्मीर से प्रतिबंध हटाने को कहा
भारत की तुलना में पाकिस्तान में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार की उदासीनता साफ नज़र आ रही है. यही वजह है कि पाकिस्तान में कोरोना वायरस के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं. पीएम मोदी सार्क देशों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े, कोरोना पर गंभीर चर्चा की लेकिन यहां पाकिस्तान ने कश्मीर पर दुष्प्रचार किया.
आदत से बाज नहीं आता है 'आतंकिस्तान'
सार्क की बैठक पाकिस्तान की वजह से लंबे वक्त से टल रही थी. लेकिन मोदी की कूटनीतिक और मानवीय पहल से सार्क रविवार को फिर से ज़िंदा होता दिखाई दिया. सार्क देशों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने जी20 देशों को भी बातचीत का न्योता दिया है. पीएम मोदी ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए जी20 देशों के बीच संयुक्त रणनीति बनाने का प्रस्ताव दिया है. इस बात की पुष्टि खुद ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए की है.
तो ये फर्क है भारत में और पाकिस्तान में, इससे ये भी पता चलता है कि भारत को अपनों की ही नहीं बल्कि दूसरे देश के लोगों का भी चिंता है. जबकि पाकिस्तान को ऐसे मुश्किल वक्त में भी कश्मीर कश्मीर दिखता है.
पाकिस्तान में कोरोना वायरस बहुत तेज़ी से फैल रहा है. सीमा पार संक्रमण का पहला मामला 26 फरवरी को सामने आया था. लेकिन ताजा आंकड़ों के मुताबिक स्थिति ये है कि पाकिस्तान में अब तक 185 से ज्यादा लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है.
कोरोना की मार, लेकिन पाकिस्तान का 'कश्मीर राग'
सार्क देशों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के वक्त सभी देशों के राष्ट्राध्यक्ष मौजूद रहे, लेकिन इमरान नदारद थे. उनकी जगह पाकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्री ज़फर मिर्जा चर्चा में शामिल हुए और वहां के स्वास्थ्य मंत्री ने वही बयान पढ़ा, जो उन्हें पहले से लिखकर मिला था.
पाकिस्तान स्वास्थ्य मंत्री जफ़र मिर्जा ने कहा कि "ये चिंता का विषय है कि भारत अधिकृत कश्मीर में COVID-19 का मामला सामने आया है और इस हेल्थ इमरजेंसी को देखते हुए इस विवादित क्षेत्र के सभी पाबंदियों को शीघ्र ही हटा देना चाहिए. कम्युनिकेशन के रास्ते खोल देना चाहिए."
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इससे ये बात पता चलती है कि कोरोना वायरस को लेकर पाकिस्तान कतई गंभीर नहीं है. उसे तो अपने लोगों की भी फिक्र नहीं. क्योंकि, ऐसा ही कुछ उस वक्त भी दिखाई दिया था जब चीन के वुहान से भारत अपने नागरिकों को सुरक्षित निकाल रहा था और वहां फंसे पाकिस्तान के छात्र इमरान को पानी पी-पीकर कोस रहे थे.
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