सऊदी अरब से अलग हुआ पाकिस्तान, चीन के आश्रय में ली शरण
सऊदी अरब ने पाकिस्तान के काश्मीर राग को भाव नहीं दिया और पलट कर पाकिस्तान को लताड़ भी लगाई जिससे तिलमिला कर अब पाकिस्तान ने छोड़ दिया है सऊदी अरब का साथ और कस कर थाम लिया है चीन का हाथ. इसके साथ ही दोनो भारत-विरोधी देशों ने एक सुर में भारत के खिलाफ अपने गुस्से का अपरोक्ष प्रदर्शन किया..
नई दिल्ली. ये पाकिस्तान की हताशा का ही मुजाहिरा था कि उधर सऊदी अरब से डाट खाई तो इधर भारत पर भड़ास निकालने की कोशिश की. लेकिन इसके साथ ही पाकिस्तान ने ये भी साफ़ कर दिया कि अब वह भारत के खिलाफ चीन का हाथ कभी छोड़ने वाला नहीं है. इमरान खान ने कहा है कि पाकिस्तान का भविष्य चीन के साथ है.
कुरैशी की कोशिश हुई नाकाम
रूठे हुए अमीर दोस्त सऊदी अरब को मनाने की हरसम्भव कोशिश की पाकिस्तान ने किन्तु वह नाकाम रहा. पाकिस्तान के विदेशमंत्री शाह महमूद कुरैशी रियाध से अपना मुंह लिए पाकिस्तान वापस लौट आये. अब पाकिस्तान में भारत विरोधी राजनीति और पाकिस्तान का पेट भरने की विदेश नीति के मुद्दे पर पाकिस्तान ने तय कर लिया है कि वह बजाये अमेरिका और सऊदी अरब के अब चीन को खुश रखने की कोशिश में अपना ज्यादा वक्त जाया करेगा.
चीन को खुश करने की इमरानी कोशिश
खिसियानी बिल्ली खम्भा नोचे की तर्ज पर पाकिस्तान ने अपनी हताशा की भड़ास भारत पर निकालने की कोशिश की है जिसके पीछे चीन को खुश करने की भी उसकी मंशा थी. भारत को चेतावनी देने के अंदाज़ में पाकिस्तान सरकार के साथ ही चीन ने भी यही कहा है कि अब पाकिस्तान और चीन साथ मिल कर दोनो देश अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करेंगे.
पाकिस्तान को मिला नया आका
पाकिस्तान अब तक अमेरिका और सऊदी अरब की गुलामी करके उनके पैसों से अपना पेट पाल रहा था लेकिन अब जब इन दोनों देशों ने पाकिस्तान को धता बता दी है तो उसने चीन के रूप में अपना नया आका ढूंढ लिया है. चीन को भी दक्षिण एशिया में भारत के खिलाफ मिल गया है एक वफादार गुलाम जिसका नाम है पाकिस्तान.
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