नई दिल्ली. पाकिस्तान ने सचमुच तीन मोस्ट वांटेड आतंकियों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं लेकिन इसे पकिस्तान का ब्लैक लिस्टिंग से बचने का पैंतरा माना जा रहा है क्योंकि FATF पहले भी कई बार पाकिस्तान को चेतावनी दे चुका है. इसलिए अब एफएटीएफ के लिये ये जांचना महत्वपूर्ण होगा कि पाकिस्तान की इमरानी सरकार ने वास्तविकता की धरातल पर कितने कदम उठाये हैं और जो जानकारी उसने एफएटीएफ को दी है, क्या वास्तव में उसने वैसी ही कार्रवाई की है?
FATF रखता है आतंकी वित्तपोषण पर नजर
फिनांशियल एक्शन टास्क फाॅर्स अर्थात एफएटीएफ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के वित्तपोषण पर निगरानी रखने वाली वैश्विक संस्था है. एफएटीएफ ने पिछले काफी समय से पाकिस्तान को अपनी 'ग्रे लिस्ट' में डाला हुआ है जिससे बाहर आने के लिए पाकिस्तान को अपने तीन मोस्ट वांटेड आतंकियों पर प्रतिबंध लगाना पड़ा है.
कड़े वित्तीय प्रतिबंध लगाए
एफएटीएफ को पाकिस्तान से प्राप्त जानकारी के अनुसार इमरान सरकार ने इस बार अपने देश में आतंक के वित्त पोषण के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार पाकिस्तान सरकार ने न केवल तीन अंतर्राष्ट्रीय आतंकियों हाफिज सईद, मसूद अजहर और दाऊद इब्राहिम पर कठोर वित्तीय प्रतिबंध लगा दिए हैं बल्कि पाकिस्तान में सक्रिय 88 प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों को भी इन प्रतिबंधों की गिरफ्त में ले लिया है.
सम्पत्तियां जब्त करने के दिए आदेश
ऐसा पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार हुआ है कि इस आतंक की फैक्ट्री में आतंक के वित्त पोषण के विरुद्ध इतने सख्त कदम उठाये गए हैं. पाकिस्तान की सरकार ने इन आतंकी संगठनों और उनके आकाओं की सभी संपत्तियों को जब्त करने का हुक्म जारी कर दिया है. इतना ही नहीं सरकार इन संगठनों के बैंक खाते भी सील करने जा रही है.
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