नई दिल्ली. पाकिस्तान का भविष्य अब लगता है आईएमएफ की भीख पर ही टिका हुआ है. इसके पहले दूसरी तरफ एफएटीएफ से जो संकेत मिल रहे हैं वो भी पाकिस्तान के लिए पूरी तरह नकारात्मक हैं और लगता है कि अब पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से निकल कर ब्लैक लिस्ट में डाल ही दिया जायेगा. पाकिस्तान ने बोया है पेड़ बबूल का तो इसमें अब फल कैसे उग सकते हैं. इस आतंकवादी बबूल के कांटे अब पाकिस्तान को बुरी तरह चुभने वाले हैं.
आईएमएफ पाकिस्तान के लिए है अहम
दुनिया के हर देश को आईएमएफ की मदद मिलती है. कर्जे के तौर पर मिलने वाली इस मदद से आईएमएफ कई देशों की खस्ता हालत को बेहतरी की तरफ बढ़ाने में मदद करता है. पाकिस्तान में वैसे ही कोरोना ने बदहाली का आलम पैदा किया हुआ है. अब संकेत ये सामने आ रहे हैं कि आइएमएफ पाकिस्तान को अल्पकालिक कर्ज देने पर रोक लगा सकता है.
अल्पकालिक ऋण की जरूरत है
पाकिस्तान आर्थिक तंगी से बेहाल है, ऐसे में उसे अल्पकालिक ऋण की उसे बुरी तरह से जरूरत है लेकिन उसकी इस जरूरत की पूर्ति पर खतरे की नई तलवार लटक गई है. एफएटीएफ के बाद अब पाकिस्तान को डराया है आईएमएफ ने. आईएएमएफ़ अर्थात अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष पाकिस्तान को अल्पकालिक ऋण देने पर रोक लगा सकता है.
डेढ़ प्रतिशत अधिक धन चाहिए
इस वर्ष के पाकिस्तान के बजट को देखें तो उसे अल्पकालिक ऋण की बहुत जरूरत है. इस देश में इस साल वर्ष 2019 की तुलना में राष्ट्रीय बजट को 1.5 प्रतिशत ज्यादा धन की जरूरत नज़र आ रही है. इस धन की सहायता से पाकिस्तान न केवल अपनी घरेलू जरूरतें पूरी कर सकेगा बल्कि इसके साथ ही वह अपनी अंतर्राष्ट्रीय जिम्मेदारियां भी निभा सकेगा और इस हेतु उसे आगामी वित्त वर्ष के लिए एक लाख करोड़ रुपये की जरूरत है जिसकी उसके मौजूदा कर ढांचे से पूर्ति होना संभव नहीं है.
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