SCO Summit में बोले मोदी, दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक होगी भारत की आर्थिक विकास दर

गलवान घाटी में जून 2020 में हुई हिंसक झड़प के कारण भारत एवं चीन के बीच सीमा पर गतिरोध की स्थिति पैदा होने के बाद शी और मोदी पहली बार एससीओ शिखर सम्मेलन में आमने-सामने आएंगे.    

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 16, 2022, 02:37 PM IST
  • भारत-चीन गतिरोध के बाद पहली बार मोदी-जिनपिंग आमने सामने
  • आज पुतिन से मुलाकात कर सकते हैं पीएम मोदी
SCO Summit में बोले मोदी, दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक होगी भारत की आर्थिक विकास दर

समरकंद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को यहां शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा संकट से निपटने के लिए लचीली आपूर्ति शृंखला की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि भारत की आर्थिक विकास दर इस साल 7.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है, जो दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक होगी. प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के अन्य सदस्य देशों के नेताओं के साथ यहां संगठन के वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया.

भारत-चीन गतिरोध के बाद पहली बार मोदी-जिनपिंग आमने सामने

गलवान घाटी में जून 2020 में हुई हिंसक झड़प के कारण भारत एवं चीन के बीच सीमा पर गतिरोध की स्थिति पैदा होने के बाद शी और मोदी पहली बार आमने-सामने आए. इस सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और मध्य एशियाई देशों के अन्य नेताओं ने भी भाग लिया.

शिखर सम्मेलन के सीमित प्रारूप के दौरान विचार-विमर्श से पहले, समूह के स्थायी सदस्यों के नेताओं ने एक साथ तस्वीर खिंचवाई. शिखर सम्मेलन के परिसर पर उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव ने मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया. 

आज पुतिन से मुलाकात कर सकते हैं पीएम मोदी

शिखर सम्मेलन के बाद मोदी के कुछ द्विपक्षीय बैठकें भी करने का कार्यक्रम है. वह पुतिन, मिर्जियोयेव और रईसी से मुलाकात कर सकते हैं. मोदी करीब 24 घंटे के दौरे पर बृहस्पतिवार की रात यहां पहुंचे थे. 

मोदी ने समरकंद रवाना होने से पहले एक बयान जारी कर कहा, ‘‘मैं एससीओ शिखर सम्मेलन में सामयिक, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने, एससीओ के विस्तार और संगठन के भीतर बहुआयामी और परस्पर लाभकारी सहयोग को और गहरा करने को लेकर उत्सुक हूं.’’ उन्होंने कहा कि उज्बेकिस्तान की अध्यक्षता में व्यापार, अर्थव्यवस्था, संस्कृति और पर्यटन के क्षेत्रों में आपसी सहयोग के लिए कई फैसले लिए जाने की उम्मीद है. 

जानिए कब हुई थी एससीओ की शुरुआत

एससीओ की शुरुआत जून 2001 में शंघाई में हुई थी और इसके आठ पूर्ण सदस्य हैं, जिनमें छह संस्थापक सदस्य चीन, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं. भारत और पाकिस्तान इसमें 2017 में पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल हुए थे.

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