S&P Global Rating: भारत के साथ-साथ इन दो छोटे देशों की भी वृद्धि दर में दिखेगी तेजी, चीन के लिए आई बुरी खबर

एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने सोमवार को भारत की जीडीपी वृद्धि दर छह प्रतिशत रहने का अनुमान बरकरार रखा. रेटिंग एजेंसी ने साथ ही कहा कि एशिया प्रशांत क्षेत्र में भारत की वृद्धि दर सबसे अधिक होगी. घरेलू अर्थव्यवस्था की मजबूती के कारण चालू वित्त वर्ष और अगले वित्त वर्ष के वृद्धि अनुमानों को अपरिवर्तित रखा गया है. पिछले वृद्धि अनुमान मार्च में घोषित किए गए थे. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 26, 2023, 12:27 PM IST
  • वियतनाम, फिलीपींस की वृद्धि दर भी छह फीसदी रहेगी
  • चालू वित्त वर्ष में महंगाई के घटकर 5 फीसदी रहने का अनुमान
S&P Global Rating: भारत के साथ-साथ इन दो छोटे देशों की भी वृद्धि दर में दिखेगी तेजी, चीन के लिए आई बुरी खबर

नई दिल्लीः S&P Global Rating: एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने सोमवार को भारत की जीडीपी वृद्धि दर छह प्रतिशत रहने का अनुमान बरकरार रखा. रेटिंग एजेंसी ने साथ ही कहा कि एशिया प्रशांत क्षेत्र में भारत की वृद्धि दर सबसे अधिक होगी. घरेलू अर्थव्यवस्था की मजबूती के कारण चालू वित्त वर्ष और अगले वित्त वर्ष के वृद्धि अनुमानों को अपरिवर्तित रखा गया है. पिछले वृद्धि अनुमान मार्च में घोषित किए गए थे. 

वियतनाम, फिलीपींस की वृद्धि दर भी छह फीसदी रहेगी
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने एशिया-प्रशांत के लिए अपनी तिमाही आर्थिक समीक्षा में कहा, 'हमारा अनुमान है कि भारत, वियतनाम और फिलीपींस की वृद्धि दर लगभग छह प्रतिशत रहेगी.' एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री (एशिया-प्रशांत) लुइस कुइज ने कहा, 'मध्यम अवधि के लिए वृद्धि अनुमान अपेक्षाकृत ठोस बना हुआ है. एशिया की उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाएं 2026 तक हमारे वैश्विक वृद्धि परिदृश्य में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में बनी हुई हैं.'

चालू वित्त वर्ष में महंगाई के घटकर 5 फीसदी रहने का अनुमान
एसएंडपी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति 6.7 प्रतिशत से घटकर पांच प्रतिशत रहने का अनुमान है, और आरबीआई अगले साल की शुरुआत में ही ब्याज दरों में कटौती कर सकता है. रेटिंग एजेंसी ने कहा कि सामान्य मानसून और कच्चे तेल की कीमतों में कमी के चलते मुद्रास्फीति नरम पड़ेगी. 

वहीं एसएंडपी ने 2023 के लिए चीन की वृद्धि दर का अनुमान 5.5 फीसदी से घटाकर 5.2 फीसदी कर दिया है.

विषम वैश्विक हालातों में भी भारत की अर्थव्यवस्था बनी हुई है मजबूत
बता दें कि जब पूरी दुनिया में अस्थिरता, युद्ध ने कई देशों की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया है उस स्थिति में भी भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है. भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी और यहां में मौजूद आर्थिक विकास की संभावनाओं को देखते हुए पूरी दुनिया की नजर देश पर है. यही वजह है कि बड़ी-बड़ी कंपनियां और देश यहां निवेश करने के लिए रुचि दिखा रहे हैं.

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