अपने हाथों पर खून नहीं चाहती थीं शेख हसीना, बेटे ने बताया पूर्व पीएम के देश छोड़ने का कारण

 बांग्लादेश में पहले से महिलाओं, विकलांगों और जातीय अल्पसंख्यक लोगों के लिए भी सरकारी नौकरियों में आरक्षण का प्रावधान था. साल 2018 में वहां की सुप्रीम कोर्ट ने इस रिजर्वेशन सिस्टम को  निलंबित कर दिया गया था.  

Written by - Shruti Kaul | Last Updated : Aug 8, 2024, 01:40 PM IST
  • खूनखराबा नहीं चाहती थीं शेख हसीना
  • बांग्लादेश में अब तक जारी है हिंसा
अपने हाथों पर खून नहीं चाहती थीं शेख हसीना, बेटे ने बताया पूर्व पीएम के देश छोड़ने का कारण

नई दिल्ली: बांग्लादेश में बीते दिनों आरक्षण को लेकर फैली हिंसा के बाद वहां की प्रधानमंत्री शेख हसीना को पीएम पद से इस्तीफा देकर वहां से भागना पड़ा. हसीना फिलहाल भारत में रह रही हैं. वहीं उनके बेटे सजीब वाजेद ने IANS को इंटरव्यू देते हुए बांग्लादेश में फैले खूनखराबे पर खुलकर बातचीत की है. 

खूनखराबा नहीं चाहती थीं पीएम हसीना 
सजीब वाजेद ने इंटरव्यू में कहा कि शेख हसीना प्रदर्शनकारियों का खून अपने हाथों पर नहीं चाहती थी, इसलिए उन्हें यह कदम उठाना पड़ा. उन्होंने कहा, 'इस्तीफा देने से एक दिन पहले मैंने उनसे बात की. उन्होंने कहा कि वह और अधिक खूनखराबा नहीं चाहती हैं और अपने हाथों पर प्रदर्शनकारियों का खून नहीं चाहतीं.' सजीब ने बांग्लादेश में चल रही हिंसा को असंवैधानिक बताते हुए कहा,' दुर्भाग्य से यह पूरी स्थिति अब असंवैधानिक है. बांग्लादेश में कोई कानून-व्यवस्था नहीं है. पूरे देश में दंगे, लूटपाट और बर्बरता हो रही है.' 
  
बांग्लादेश में आरक्षण 
बता दें कि बांग्लादेश में 30 प्रतिशत नौकरियों में 1971 के स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के बच्चों और उनके पोते-पोतियों के लिए आरक्षण दिया जा रहा है. इसके अलावा नौकरियों में प्रशासनिक जिलों के लोगों के लिए 10 प्रतिशत, महिलाओं के लिए 10 प्रतिशत, जातीय अल्पसंख्यक समूहों को 5 प्रतिशत और विकलांगों को 1 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है. बांग्लादेश में पहले से महिलाओं, विकलांगों और जातीय अल्पसंख्यक लोगों के लिए भी सरकारी नौकरियों में आरक्षण का प्रावधान था. साल 2018 में वहां की सुप्रीम कोर्ट ने इस रिजर्वेशन सिस्टम को  निलंबित कर दिया गया था, जिसके वहां इस तरह के विरोध प्रदर्शन रुक गए थे.   

मुहम्मद यूनुस चलाएंगे सरकार 
बांग्लादेश में शेख हसीना के पीएम पद से इस्तीफा देने के बाद अब नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को अंतिरम सरकार चलाने के लिए चुना गया है. 'ढाका ट्रिब्यून' की एक रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने तीनों सेनाओं के प्रमुख और छात्र नेताओं के साथ बैठकर मुहम्मद यूनुस को वहां की अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए चुना है. बता दें कि मुहम्मद यूनुस को साल 2006 में नोबेल शांति पुरस्कार मिला था. 

ये भी पढ़ें- Vinesh Phogat Net Worth: विनेश फोगाट हैं करोड़ों की मालकिन, हर महीने मिलती है इतनी सैलरी!

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

ट्रेंडिंग न्यूज़