पृथ्वी से चांद और मंगल तक चलेगी स्पेस ट्रेन, जापान चांद पर ये विशाल मशीन भी लगाएगा

इंटरप्लेनेटरी स्पेस ट्रेन, जैसा कि शोधकर्ताओं ने कहा है, पृथ्वी, चंद्रमा और मंगल के बीच यात्रा करते समय अपना गुरुत्वाकर्षण उत्पन्न करेगी.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 12, 2022, 01:02 PM IST
  • वैज्ञानिकों ने द ग्लास नामक प्रोजेक्ट भी तैयार किया गया है
  • इसका उद्देश्य 'कृत्रिम गुरुत्वाकर्षण में रहने की सुविधा' बनाना है
पृथ्वी से चांद और मंगल तक चलेगी स्पेस ट्रेन, जापान चांद पर ये विशाल मशीन भी लगाएगा

लंदन: जापान अंतरिक्ष में एक महा प्रयोग करने जा रहा है. जापानी वैज्ञानिकों की पृथ्वी से मंगल तक एक स्पेस ट्रेन चलाने की योजना है. यह ट्रेन चांद तक भी जाएगी. क्योटो विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों और निर्माण फर्म काजिमा कॉर्पोरेशन द्वारा यह प्रोजेक्ट तैयार किया गया है. 

हेक्सागोन स्पेस ट्रैक सिस्टम
'हेक्सागोन स्पेस ट्रैक सिस्टम' नामक परिवहन प्रणाली बनाई जाएगी है. यह इंटरप्लेनेटरी स्पेस ट्रेन, जैसा कि शोधकर्ताओं ने कहा है, पृथ्वी, चंद्रमा और मंगल के बीच यात्रा करते समय अपना गुरुत्वाकर्षण उत्पन्न करेगी. 

चांद पर एक विशाल स्ट्रक्चर भी बनेगा
जापानी वैज्ञानिकों ने द ग्लास नामक प्रोजेक्ट भी तैयार किया गया है. इसका उद्देश्य 'कृत्रिम गुरुत्वाकर्षण में रहने की सुविधा' बनाना है जो पृथ्वी पर स्थितियों की नकल करता है. इसके तहत जापानी वैज्ञानिकों ने चांद पर एक 1,300 फीट की संरचना बनाने की महत्वाकांक्षी योजनाओं का खुलासा किया है. यह  'सामान्य गुरुत्वाकर्षण' प्राप्त करने के लिए हर 20 सेकंड में घूमती है. 

क्या कहते हैं शोधकर्ता
क्योटो विश्वविद्यालय के एसआईसी मानव अंतरिक्ष विज्ञान केंद्र के निदेशक योसुके यामाशिकी ने कहा: 'अन्य देशों में इस तरह की कोई योजना नहीं है' अंतरिक्ष विकास योजनाएं.' शोधकर्ताओं ने लिखा: 'मानव जाति अब बाहरी अंतरिक्ष में "रहने" के युग से चंद्रमा और मंगल पर "रहने" के युग की ओर बढ़ रही है. 'इसे हासिल करने के लिए किस तरह के माहौल और सुविधाओं की जरूरत होगी? साथ ही, चंद्रमा और मंगल पर भोजन, वस्त्र और आश्रय को सक्षम करने और सामाजिक व्यवस्था बनाने के लिए कौन से दृष्टिकोण और तकनीक महत्वपूर्ण होंगी?'

द ग्लास के विचार पर, उन्होंने लिखा: 'इस सुविधा में रहकर, मनुष्य मन की शांति के साथ बच्चे पैदा कर सकता है और एक ऐसा शरीर बनाए रख सकता है जो किसी भी समय पृथ्वी पर लौट सकता है.' स्पेस ट्रेन पर विशेषज्ञों ने कहा: 'हेक्साट्रैक प्रणाली पृथ्वी, चंद्रमा और मंगल के लिए एक अंतरग्रहीय परिवहन प्रणाली है जो लंबी दूरी की यात्रा के दौरान भी गुरुत्वाकर्षण बनाए रखती है.

100 साल लगेंगे इसे बनने में
हालाँकि, ऐसा प्रतीत नहीं होता है कि यह अवधारणा जल्द ही किसी भी समय सामने आएगी. यह बताया गया है कि द ग्लास को बनने में करीब 100 साल लगेंगे, हालांकि एक सरलीकृत संस्करण 2050 तक चंद्रमा पर हो सकता है. आपको बता दें कि नासा ने इस दशक के अंत में मनुष्यों को चंद्रमा पर वापस लाने की योजना बना रहा है. साथ ही चांद पर इंसानी बस्ती बनाने की कोशिश की जा रही है. वहीं क्योटो विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं और टोक्यो स्थित एक निर्माण फर्म काजिमा कॉर्पोरेशन इस प्रोजेक्ट के जरिए इस मिशन में मदद करेंगी. 

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