अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन से मिले भारतीय आध्यात्मिक गुरु, बंदूक हिंसा को लेकर दी ये बड़ी सलाह

एक भारतीय आध्यात्मिक गुरु ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से मुलाकात कर उन्हें अमेरिकी स्कूलों में ‘शांति शिक्षा’ लागू करने की सलाह दी है. उन्होंने यह शिक्षा इसलिए दी है ताकि देश में बढ़ती बंदूक हिंसा की समस्या से निपटा जा सके.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 12, 2022, 09:19 PM IST
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अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन से मिले भारतीय आध्यात्मिक गुरु, बंदूक हिंसा को लेकर दी ये बड़ी सलाह

वाशिंगटन: एक भारतीय आध्यात्मिक गुरु ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से मुलाकात कर उन्हें अमेरिकी स्कूलों में ‘शांति शिक्षा’ लागू करने की सलाह दी है. उन्होंने यह शिक्षा इसलिए दी है ताकि देश में बढ़ती बंदूक हिंसा की समस्या से निपटा जा सके. एक महीने के लंबे दौरे पर अमेरिका पहुंचे जैन धर्मगुरु आचार्य लोकेश मुनि ने पिछले सप्ताह लॉस एंजिलिस में डेमोक्रेटिक पार्टी के एक कार्यक्रम के इतर राष्ट्रपति बाइडन से मुलाकात की.

मुनि ने बैठक के दौरान बाइडन को दी सलाह

मुनि ने बैठक के दौरान बाइडन से कहा, ‘‘समस्या केवल बंदूकें नहीं हैं, बल्कि समस्या मानसिकता के साथ है. असली समाधान हमारे दिमाग के अंदर मौजूद उस मानसिकता से निपटना है.’’ उन्होंने कहा कि प्राथमिक स्तर से ही ‘शांति शिक्षा’ लागू करने की जरूरत है और अगर हम ऐसा करने में सफल रहते हैं तो इस समस्या का एक स्थायी समाधान हो जाएगा.

बीते 24 मई को एक बंदूकधारी ने टेक्सास के उवाल्दे में एक प्राथमिक विद्यालय में घुसकर 19 बच्चों और दो शिक्षकों की हत्या कर दी थी. यह अमेरिका में लगभग एक दशक में किसी स्कूल में गोलीबारी की सबसे घातक घटना थी.

बंदूक को बताया केवल उपकरण

मुनि ने कहा, ‘‘बंदूक केवल एक उपकरण है, वास्तविक समस्या मानव मस्तिष्क है. मैं यह केवल एक भारतीय साधु या जैन संत होने के नाते नहीं कह रहा हूं. यह एक वैज्ञानिक सत्य है.”

उन्होंने कहा, “चिकित्सा विज्ञान मानता है कि यदि छात्र का सिंपेथेटिक तंत्रिका तंत्र पैरासिंपेथेटिक तंत्रिका तंत्र की तुलना में अधिक सक्रिय है तो वह हीन भावना से ग्रस्त हो जाएगा या बहुत आक्रामक हो जाएगा, जैसा कि टेक्सास और वर्जीनिया विश्वविद्यालय में देखने को मिला, जब छात्रों द्वारा कई लोगों को गोली मारी गई.’’

बंदूक हिंसा अमेरिका में असामयिक मौत का एक बड़ा कारण है. अमेरिकी जन स्वास्थ्य संघ के मुताबिक, अमेरिका में बंदूक से हर साल 38,000 से अधिक लोगों की जान जाती है और लगभग 85,000 लोग घायल होते हैं.

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