तोक्यो. स्वीडन के रक्षामंत्री पॉल जॉनसन ने मंगलवार को कहा कि उनके देश की शीर्ष प्राथमिकता उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के अगले शीर्ष सम्मेलन से पहले उसकी पूर्ण सदस्यता प्राप्त करना है. उन्होंने कहा कि इससे अंतर अटलांटिक गठबंधन और मजबूत होगा. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और अन्य सदस्यों के नेतृत्व में नाटो चाहता है कि अगले महीने 11-12 को जुलाई को लिथुआनिया की राजधानी विलनियस में सैन्य गठबंधन की प्रस्तावित बैठक से पहले स्वीडन को सदस्यता दे दी जाए लेकिन तुर्किये और हंगरी ने इस कदम का समर्थन नहीं किया है.
किसी नए सदस्य को शामिल करने के प्रोटोकॉल के तहत गठबंधन में शामिल सभी 31 देशों को इसकी पुष्टि करनी होती है. जापानी समकक्ष और अन्य अधिकारियों से बातचीत करने तोक्यो आए जॉनसन ने कहा, ‘स्वीडिश सरकार की शीर्ष प्राथमिकता यथाशीघ्र नाटो का पूर्ण सदस्य बनना है. हमें उम्मीद है कि हम विलनियस शिखर सम्मेलन तक संगठन में शामिल हो जाएंगे.’
तुर्किये ने की थी आलोचना
तुर्किये सरकार ने आतंकवादी संगठनों और सुरक्षा खतरों के प्रति नरम रुख अपनाने का आरोप लगा स्वीडन की आलोचना की थी जबकि हंगरी ने आपत्ति की वजहों की विस्तृत जानकारी नहीं दी है. जॉनसन ने कहा कि वह तुर्किये और हंगरी के फैसले का सम्मान करते हैं और स्वीडन ने नया आतंकवाद रोधी कानून पारित किया है जिससे ‘बाकी खामियां भी दूर हो जाएंगी’ जिनको लेकर तुर्किये ने चिंता जताई है.
यूक्रेन का समर्थन जारी रखेगा स्वीडन
उन्होंने कहा कि स्वीडन यूक्रेन का हथियारों के साथ समर्थन जारी रखेगा क्योंकि ‘यह हमारे राष्ट्रीय हित में है. रूस के यूक्रेन युद्ध जीतने के नतीजे स्वीडन और यूरोप की सुरक्षा नीति, उनकी भू-रणनीतिक स्थिति और यूरोप में सैन्य स्थिति के लिए विनाशकारी साबित होंगे.’ जॉनसन ने कहा कि स्वीडन और जापान इन दिनों एक तरह की समस्या से जूझ रहे हैं और यूक्रेन के खिलाफ रूस का युद्ध यूरो-अटलांटिक और हिंद-प्रशांत को एक साथ लेकर आया है.
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