नई दिल्ली. डोनाल्ड ट्रम्प की ये वार्निंग विश्व स्वास्थ्य संगठन के लिए खतरे की घंटी है. अभी तक इस संगठन ने अमेरिकी आरोपों का कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया है जबकि अमेरिका ने अपनी फन्डिंग पहले ही रोक दी है और संगठन से बाहर निकलने की धमकी भी दी है. ट्रम्प ने तीस दिन तो दिये हैं लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन को कैसे सुधरना है, यह नहीं बताया है.
''ये आखिरी वार्निंग है''
ये अमेरिकी राष्ट्रपति के चीन के खिलाफ गुस्से का भी इजहार है और चीन के वास्तविक पिछलग्गू विश्व स्वास्थ्य संगठन को एक मौक़ा देने की चाहत भी है. डोनाल्ड ट्रम्प ने साफ तौर पर कह दिया है कि ये विश्व स्वास्थ्य संगठन के लिये अमेरिका की अंतिम चेतावनी है. इन अगले तीस दिनों में अगर इस संगठन में सुधार नहीं दिखा तो अमेरिका अपनी फंडिंग हमेशा के लिये बन्द कर देगा.
WHO को पत्र लिखा ट्रम्प ने
WHO के महानिदेशक को डोनाल्ड ट्रम्प ने एक 4 पन्नों का पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने इस संगठन की कोरोना महामारी को लेकर का गई लापरवाही को सिलसिलेवार तरीके से पेश किया है और बताया है कि किस तरह इस संगठन ने चीन के दबाव और प्रभाव में काम किया है. टैड्रोस ऐडरेनॉम ग़ैबरेयेसस को संबोधित इस पत्र में अमेरिकी राष्ट्रपति ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को बड़े बदलाव करने के लिये एक महीना दिया है.
नीतियों में सुधार करना होगा
डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने पत्र में संगठन के महानिदेशक को चेताया है कि एक माह में सुधार कर लें और इस सुधार के लिये उन्होंने संगठन की नीतियों में सुधार की बात कही है. हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन को ये नहीं बताया गया है कि नीतियों में सुधार उसे किस तरह से करना है.
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