कुर्दों के कब्जे वाले सीरिया के इस इलाके में बीते तीन दिनों से घमासान मचा हुआ है. अंतरराष्ट्रीय चेतावनी के बावजूद तुर्की समर्थित सीरियाई विद्रोहियों ने बुधवार को कुर्दिश नियंत्रित पूर्वोत्तर सीरिया में सैन्य कार्रवाई शुरु कर दी. शुरुआत में हवाई हमले और इसके बाद हुई गोलाबारी से सीरिया का ये सीमावर्ती इलाके दहल उठे.
युद्ध की निगरानी कर रहे संगठन सीरियन ऑब्जर्वटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के मुताबिक कार्रवाई के एक दिन के भीतर ही 60 हजार से भी ज्यादा लोगों को विस्थापित होना पड़ा है. ब्रिटेन से संचालित इस संगठन के मुताबिक विस्थापितों में से अधिकतर लोग पूर्वी हसाकेह शहर की ओर बढ़ रहे हैं. सबसे अधिक विस्थापन सीमावर्ती रास-अल अयिन, ताल अब्याद और देरबशिया से हुआ है.
गौरतलब है कि तुर्की सीरियाई सीमा के 30 किलोमीटर अंदर एक बफर क्षेत्र बनाना चाहता है ताकि 2011 में सीरिया में शुरू गृहयुद्ध के बाद उसकी सीमा में आए 36 लाख शरणार्थियों को वापस भेजा जा सके. लेकिन सीरिया के खिलाफ उसकी मौजूदा सैन्य कार्रवाई. आठ साल से चल रहे संघर्ष में नागरिकों के लिए और बिगड़े हालात पैदा कर सकती है. बताया जा रहा है कि सीरिया- तुर्की सीमा के पांच किलोमीटर के दायरे में करीब 4 लाख 50 हजार लोग रहते हैं. और अगर दोनों पक्षों ने संयम नहीं बरता और नागरिकों की सुरक्षा को अहमियत नहीं दी तो इन लोगों को सबसे अधिक खतरा हो सकता है. अमेरिका तुर्की को प्रतिबंधों का डर दिखाकर सैन्य कार्रवाई रोकने की अपील कर चुका है.
ट्रंप ने तुर्की को चेताया
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि 'टर्की और कुर्द की लड़ाई सदियों पुरानी है. हम वहां से बाहर आ चुके हैं, मेरे राषट्रपति बनने के बाद अमेरिका बहुत ताकतवर हुआ है. अगर चुर्की ऐसा कुछ करता है जो उसे नहीं करना चाहिए तो हम उनपर ऐसे प्रतिबंध लगाएंगे. जो बहुत कम देशों ने पहले देखे होंगे.'
आपको बता दें कि रविवार को ही अमेरिका ने सीरिया से अपने सैनिकों को वापस बुलाने की घोषणा की थी जिसके बाद ये हमला हुआ. दरअसल, कुर्द और तुर्कों की लड़ाई पुरानी है और तुर्की कुर्द पर हमले की लंबे समय से योजना बना रहा था. लेकिन इलाके में अमेरिकी फौज की मौजूदगी के चलते तुर्की अपने मंसूबे को अमल में लाने से हिचकिचाता रहा.
जैसे ही उसे मौका मिला उसने कुर्दों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. उधर अमेरिका का दावा है कि हमले के आसपास के इलाके में कोई अमेरिकी सैन्य केंद्र नहीं है और यूएसए इस अंतहीन लड़ाई को समाप्त करने की कोशिशों में जुटा हुआ है. अमेरिका तुर्की को उसकी अर्थव्यवस्था को तहस-नहस तक करने की चेतावनी दे चुका है.