नई दिल्लीः यूक्रेन में हालात काफी तनावपूर्ण बने हुए हैं. रूस ने विद्रोहियों के कब्जे वाले यूक्रेन के जिन इलाकों को स्वतंत्र राष्ट्र घोषित किया है, वहां पिछले चंद घंटों के दौरान रूस के हजारों सैनिक पहुंच चुके हैं. संकटग्रस्त यूक्रेन में भारत के भी कई छात्र पढ़ते हैं. इन्हीं में से राजस्थान के तीन छात्र, जो यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे थे, भारत लौट आए हैं. उन्होंने न सिर्फ अपनी आपबीती बयां की, बल्कि यूक्रेन के हालात का आंखों देखा हाल बताया.
छात्रों ने बताया कि पूर्वी यूरोपीय देश में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और चारों ओर सैनिक दिखाई दे रहे हैं. उन्होंने वापसी के लिए सामान्य हवाई किराये का तीन गुना भुगतान किया.
माता-पिता की आंखों में आए आंसू
ये तीन छात्र राजस्थान के झालावाड़ जिले के लोकेश मीणा, राजकुमार मीणा और लक्ष्य राजावत हैं. बच्चों को घर लौटते देख उनके माता-पिता की आंखों में आंसू आ गए. लक्ष्य की मां मधु कुंवर राजावत ने कहा, "मैं सरकार से अतिरिक्त कम लागत वाली उड़ानों की व्यवस्था करने का अनुरोध करती हूं, ताकि अन्य छात्र भी वापस आ सकें. उनके माता-पिता भी हमारी तरह चिंतित होंगे."
लक्ष्य ने कहा कि उसने यूक्रेन से भारत लौटने के लिए 23,000 रुपये के बजाय 62,000 रुपये खर्च किए.
'काफी तनावपूर्ण है स्थिति'
उन्होंने कहा, "वहां स्थिति काफी तनावपूर्ण है, क्योंकि चारों ओर सैनिक हैं. हमारे परिवार के सदस्य तनाव में थे और इसलिए हमें किसी भी तरह से लौटने के लिए कहा. हालांकि, कई अन्य छात्र हैं, जो वापस आना चाहते हैं, लेकिन टिकट की ज्यादा कीमत और सीमित सीटों के कारण असहाय हैं."
'ज्यादा हवाई किराये के चलते नहीं लौट पा रहे कई छात्र'
लोकेश ने कहा कि यूक्रेन में फंसे सभी छात्र भारत लौटना चाहते हैं, लेकिन ज्यादा हवाई किराए के कारण नहीं आ पर रहे हैं. उसने बोला, "वे सामान्य किराए से चार गुना अधिक कीमत वाले टिकट नहीं खरीद सकते हैं. इसलिए समय की आवश्यकता उड़ान दरों को कम करने की है. इसलिए छात्र तनाव में हो रहे हैं."
पूर्वी यूरोपीय देश और रूस के बीच तनाव बढ़ने के बाद मंगलवार को सरकार ने भारतीय छात्रों को 'अपनी सुरक्षा के हित में' यूक्रेन छोड़ने की सलाह दी थी. पिछले एक हफ्ते में जारी की गई यह तीसरी ऐसी एडवाइजरी थी.
यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट किए गए एक संक्षिप्त बयान में कहा कि छात्रों को उनकी सुरक्षा के हित में, विश्वविद्यालयों से आधिकारिक पुष्टि की प्रतीक्षा करने के बजाय अस्थायी रूप से यूक्रेन छोड़ने की सलाह दी गई है.
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