Col Waibhav Anil Kale: इजरायली हमले में पूर्व भारतीय सैन्य अधिकारी की गई जान, जानें- गाजा में क्या कर रहे थे?

Who is Col Waibhav Anil Kale: वैभव अनिल काले ने इंदौर में आईआईएम से पढ़ाई की थी. वह आईआईएम लखनऊ में भी पढ़ें. उन्होंने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से बीए भी किया था. 46 वर्षीय काले भारतीय सेना में कर्नल के पद पर तैनात थे.  काले ने भारतीय सेना से 2022 में VRS लिया था.

Written by - PTI Bhasha | Last Updated : May 15, 2024, 04:53 PM IST
  • भारत ने जताया दुख
  • तृणमूल कांग्रेस का आया बयान
Col Waibhav Anil Kale: इजरायली हमले में पूर्व भारतीय सैन्य अधिकारी की गई जान, जानें- गाजा में क्या कर रहे थे?

Who is Col Waibhav Anil Kale: इजराइल और हमास का युद्ध जारी है. इस बीच गाजा में भारतीय सेना के एक पूर्व अधिकारी की मौत हुई है. कर्नल वैभव अनिल काले (46) 2022 में भारतीय सेना से समय पूर्व सेवानिवृत्त हुए थे और दो महीने पहले संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा एवं संरक्षा विभाग (UNDSS) में सुरक्षा समन्वय अधिकारी नियुक्त किए गए थे.

दरअसल, सोमवार की सुबह UNDSS के अन्य कर्मचारियों के साथ काले संयुक्त राष्ट्र के वाहन में रफह स्थित 'यूरोपियन अस्पताल' जा रहे थे तभी  गाजा के रफह शहर में हमले की चपेट में आ गए जिसमें उनकी मौत हो गई और जोर्डन का एक अन्य डीएसएस कर्मचारी घायल हो गया.

इजराइली टैंक की कार्रवाई
समझा जाता है कि वाहन पर इजराइली टैंक की ओर से कार्रवाई की गई थी, जिसमें काले की मृत्यु हुई. उनकी मौत पर UN ने शोक व्यक्त किया. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के उप प्रवक्ता फरहान हक ने 'पीटीआई-भाषा' के एक सवाल के जवाब में मंगलवार को दैनिक प्रेस वार्ता में कहा, 'हम भारत की सरकार और लोगों के प्रति खेद और संवेदना व्यक्त करते हैं.' उन्होंने कहा, 'भारत ने जो योगदान दिया है हम उसकी सराहना करते हैं.' हक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने घातक हमले की जांच के लिए एक टीम का गठन किया है. 

भारत ने जताया दुख
भारत ने बुधवार को कहा कि गाजा में संयुक्त राष्ट्र के साथ काम करने वाले भारतीय नागरिक कर्नल (सेवानिवृत्त) वैभव अनिल काले की मौत पर उसे गहरा दुख हुआ है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के साथ-साथ तेल अवीव और रामल्ला में इसका दूतावास काले के पार्थिव शरीर को भारत वापस लाने में हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं. 

कौन थे काले? 
वैभव अनिल काले ने इंदौर में आईआईएम से पढ़ाई की थी. वह आईआईएम लखनऊ में भी पढ़ें. उन्होंने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से बीए भी किया था. 46 वर्षीय काले भारतीय सेना में कर्नल के पद पर तैनात थे.  काले ने भारतीय सेना से 2022 में VRS लिया था.

वह तीन हफ्ते पहले ही संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा एवं संरक्षा विभाग से जुड़े थे. काले भारतीय सेना में 2000 में शामिल हुए थे. वैभव काले 1999 में एनडीए से पासआउट हुए थे. उन्होंने 2009 और 2010 के बीच संयुक्त राष्ट्र में आकस्मिक मुख्य सुरक्षा अधिकारी के रूप में भी काम किया था. 

पठानकोट हमले से कैसा कनेक्शन?
TOI की रिपोर्ट के मुताबिक, 'वैभव काले ने पठानकोट एयरबेस पर 2016 के हुए आतंकवादी हमले को रोकने में भी अहम भूमिका निभाई थी. काले पठानकोट हमले के समय भारतीय सेना की 11 जम्मू-कश्मीर राइफल्स बटालियन की कमान संभाल रहे थे. 

तृणमूल कांग्रेस का आया बयान
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद साकेत गोखले ने बुधवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर आग्रह किया कि सरकार गाजा में एक हमले में भारतीय सेना के एक पूर्व अधिकारी के मारे जाने की कड़ी निंदा करे. गोखले ने सोशल मीडिया मंच 'X' पर एक पोस्ट में कहा, 'यह चौंकाने वाली बात है कि इजराइल ने गाजा में भारतीय सेना के एक सेवानिवृत्त कर्नल की हत्या कर दी और मोदी सरकार ने एक शब्द भी नहीं बोला.'

उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर को लिखे अपने पत्र में कहा, 'खबर के अनुसार यह स्पष्ट है कि कर्नल काले की मौत तब हुई जब उनके काफिले पर इजराइल रक्षा बलों (आईडीएफ) द्वारा हमला किया गया. अंतरराष्ट्रीय कानून संघर्ष क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र कर्मियों पर सैन्य हमले को प्रतिबंधित करता है.' उन्होंने कहा, 'यह बहुत चिंता की बात है कि भारत सरकार ने न तो इजरायली बलों द्वारा किए गए इस जघन्य कृत्य की निंदा की है और न ही इजरायली दूतावास को इस अकारण हमले के संबंध में कार्रवाई करने के लिए कोई पत्र जारी किया है.'

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