नई दिल्ली. दुनिया को कोरोना देने वाला चीन पता नहीं क्यों कुछ अजीब किस्म की समझदारियां दिखा रहा है. पहले ही उस पर ये आरोप लग चुका है कि वह कोरोना वायरस के संक्रमण से पीड़ित मरीजों की जानकारियां छुपा रहा है अर्थात जो आंकड़े कोरोना मरीजों के चीन से आ रहे हैं, उनमें गड़बड़ी की बात कही गई है. लेकिन मजबूरन भारत की मीडिया को तो वही आंकड़े अपने पाठकों के सामने रखने पड़ेंगे जो चीन से आ रहे हैं, चाहे वे झूठे ही क्यों न हों. 


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चीन में 35 हजार कोरोना के मामले 


कोरोना वायरस दुनिया भर में फ़ैल कर तबाही मचा रहा है. जापान, सिंगापुर, थाईलैंड, दक्षिण कोरिया समेत कई देशों में कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है. अपने उदगम स्थान चीन में कोरोना के करीब पैंतीस हज़ार मामले सामने आये हैं और करीब साढ़े सात सौ मौतों की जानकारी बाहर आई है . अब न जाने किस समझदारी से प्रेरित हो कर चीन इस वायरस का नाम बदल रहा है. 


नया नाम - नोवल कोरोना वायरस निमोनिया 


चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने कोरोना का एक अस्थायी नाम रखा है जो आधिकारिक तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा. अब कोरोना वायरस की जगह इसे 'नोवल कोरोनावायरस निमोनिया' या 'एनसीपी' कह कर लिखा पढ़ा और बोला जाएगा. आयोग ने संवाददाता सम्मेलन के माध्यम से जानकारी दी कि नया नाम  चीन के सरकारी विभागों और संगठनों द्वारा अपनाया जाए जब तक कि संक्रमण का स्थायी नाम तय नहीं हो जाता. 



 


चीन में हर जगह इस्तेमाल होगा नया नाम 


ये इंटरनेशनल कमिटी ऑन टैक्सोनॉमी ऑफ वाइरस की पहल बताई जा रही है. इस कमेटी ने वायरस के नए नामकरण का निर्णय किया है. नया नाम अब मीडिया और वैज्ञानिक पत्रिकाओं को भी सौंपा गया है और उम्मीद की जा रही है कि जल्दी ही देश भर में अब ये नया नाम इस्तेमाल में लाया जाएगा.


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