नई दिल्ली. आज है 8 मई और आज ही दुनिया भर में प्रतिवर्ष वर्ल्ड रेडक्रॉस डे मनाया जाता है. आज का दिन रेडक्रॉस सोसायटी का जन्म दिवस है जिसकी कड़ी इतिहास के एक बड़े पन्ने से जुड़ती है. इसके जन्मदाता का जन्म दिवस ही रेडक्रॉस के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है.
हेनरी डनेन्ट हैं रेड क्रॉस के जन्मदाता
रेड क्रॉस के जन्मदाता हैं जॉन हेनरी डिनेन्ट. स्विट्ज़रलैंड के नागरिक डनेन्ट का जन्म 1828 में 8 मई के दिन हुआ था. इस विचारक और भविष्यदृष्टा का जन्मदिन सारी दुनिया वर्ल्ड रेड क्रॉस डे के रूप में मनाती है. आगे चल कर वर्ष 1901 में हेनरी डनेन्ट उनके मानव सेवा के कार्यों के लिए विश्व के सबसे बड़े सम्मान से नवाज़ा गया और उनको पहला नोबेल शांति पुरस्कार प्राप्त हुआ.
सोल्फेरिनो का युद्ध बना रेड क्रॉस के जन्म की वजह
हेनरी डनेन्ट 1859 में इटली गए जहां उन्होंने सोल्फेरिनो का युद्ध देखा और उन्होंने एक दिन में ही इस भयानक युद्ध में चालीस हज़ार सैनिकों को मरते हुए देखा. इस दौरान जिस बात ने उनका ध्यान आकर्षित किया वह ये थी कि युद्ध के घायल सैनिकों के उपचार हेतु किसी भी सेना के पास कोई चिकित्सा टुकड़ी नहीं थी. हेनरी डनेन्ट ने तुरंत स्वंयसेवकों के एक समूह को संगठित करके इन घायल सैनिकों तक खाना-पानी पहुंचाया और उनका इलाज भी किया. इतना ही नहीं घायलों के परिवार के लोगों को उन्होंने पत्र भी लिखे.
युद्ध के घायलों के लिए तैयार किया रेड क्रॉस ग्रुप
अपनी पुस्तक 'अ मेमरी ऑफ सोल्फेरिनो' में हेनरी डनेन्ट ने युद्ध की भयावहता को शब्दों में दर्शाया और बताया कि किस तरह इस जंग में अपने शरीर के अंगों को गंवाने वाले सैनिक दर्द से कराह रहे थे जिनको मरने के लिए छोड़ दिया गया था. इस स्थिति ने हेनरी डनेन्ट को प्रेरणा दी और एक स्थायी अंतरराष्ट्रीय सोसायटी की स्थापना का विचार उनके मन में आया. उन्होंने विचार किया कि इस तरह की सोसायटी युद्ध में घायल लोगों का इलाज करने का काम करेगी जिसकी सारी दुनिया को ज़रूरत है और यह सारी दुनिया के नागरिकों के लिए काम करेगी. अगले ही वर्ष इस सुझाव पर कार्य किया गया और रेड क्रॉस अस्तित्व में आया.
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