Himachal Weather Update: जिला सिरमौर में 11 और 12 जनवरी को बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है, जिसे लेकर जिला प्रशासन ने सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली हैं. जिला में पीडब्ल्यूडी, जल शक्ति विभाग समेत विद्युत विभाग को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश जारी किए गए हैं ताकि किसी भी आपदा की स्थिति में निपटने के लिए तुरंत प्रभाव से राहत कार्य शुरू किया जा सके.


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डीसी सीमा और आर.के गौतम ने बताया कि मौसम विज्ञान केंद्र द्वारा प्रदेश में 11 और 12 जनवरी के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है. उन्होंने बताया कि येलो अलर्ट को देखते हुए जिला के सभी एसडीएम को संबंधित विभागों से तालमेल बनाकर सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं.


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आपदा की स्थिति में इन टोल फ्री नंबर पर करें संपर्क
उन्होंने कहा कि इस समय स्थानीय लोगों और पर्यटकों को ऊंचाई वाले क्षेत्रों की ओर न जाने की सलाह दी जा रही है. मौसम विज्ञान केंद्र द्वारा जारी मौसम एडवायजरी के अनुसार प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर आंधी तूफान और बिजली गिरने की संभावना जताई जा रही है. इसके साथ ही बताया कि लोक निर्माण विभाग और विद्युत विभागों को पहले से ही सभी एहतियाती उपाय करने को कह दिया गया है. सभी फील्ड कर्मचारियों को सतर्कता और तत्परता की स्थिति में रहने के निर्देश दिए गए हैं. इतना ही नहीं अगर जिला में किसी भी तरह की आपात स्थिति पैदा होती है तो उस समय मदद के लिए टोल फ्री नंबर 1077, 1070 या 112 पर संपर्क किया जा सकता है ताकि तुरंत सहायता की जा सके. 


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फसलों पर पड़ रहा कोहरे का बुरा असर  
वहीं, हिमाचल प्रदेश का कृषि प्रधान कहा जाने वाला जिला ऊना इन दिनों ठंड़ से काफी ज्यादा प्रभावित हो रहा है. बता दें, यहां सबसे ज्यादा गेहूं ,आलू मक्की और मौसमी सब्जियों की पैदावार की जाती है. ऐसे में काफी समय से यहां बारिश ना होने की वजह से घना कोहरा देखा जा रहा है, जिसका सीधा असर किसानों की फसलों और सब्जियों पर भी देखने को मिल रहा है.


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किसान को दी गई सलाह 
कृषि विभाग की मानें तो जिला ऊना में किसानों द्वारा 38,677 हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की फसल उगाई गई है, लेकिन लगातार पड़ रहे घने कोहरे की वजह से जिला ऊना के बगाना उपमंडल और चिंतपूर्णी उपमंडल में 15 से 20 प्रतिशत नुकसान होने की जानकारी है. कृषि विभाग का कहना है कि जिस क्षेत्र में गेहूं की फसल और सब्जियों को पानी की सुविधा है वहां पर नुकसान ना के बराबर है, लेकिन जहां पानी की सुविधा नहीं है वहां नुकसान 20 प्रतिशत के करीब होने की संभावना है. कृषि विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि फसलों को कोहरे से बचाने के लिए शाम के समय पानी जरूर दें, इससे फसलों पर कोहरे का असर कम पड़ेगा. 


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