Basant Panchami 2023: बसंत पंचमी का सभी के जीवन में खास महत्व होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस दिन ज्ञान, शिक्षा, कला, वाणी और साहित्य की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है. जीवन में सफलता पाने के लिए मां सरस्वती की कृपा होना बेहद जरूरी है क्योंकि आप चाहे कितनी भी पढ़ाई कर लें और चाहे कितनी भी कला और साहित्य के क्षेत्र में मेहनत कर लें, लेकिन जब तक आप पर मां सरस्वती की कृपा नहीं होती तब तक सफल हो पाना संभव ही नही हैं. 


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क्यों कहा जाता है बसंत पंचमी और क्या है इसके महत्व?
बता दें, हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन से वसंत ऋतु की भी शुरुआत हो जाती है. यही वजह है कि इस पंचमी को बसंत पंचमी भी कहा जाता है. कहा जाता है कि अगर कड़ी मेहनत करने के बाद भी आपको जीवन में सफलता हासिल नहीं हो रही है तो आप बसंत पंचमी के दिन मां सरस्तवती की विधिवत पूजा कर उनकी कृपा पा सकते हैं. इस दिन पीले रंग का खास महत्व होता है.


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क्यों की जाती है सरस्वती पूजा? 
ब्रम्हा जी को सृष्टि का रचयिता कहा जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मनुष्यों और जीवों की रचना के बाद उन्हें संसार वीरान और अधूरा सा लगा, जिसके बाद उन्होंने अपने कमंडल से धरती पर जल छिड़का और इस जल से एक अद्भुत शक्ति सरस्वती प्रकट हुईं, जिनके एक हाथ में वर मुद्रा और दूसरे हाथ में वीणा थी. ब्रम्हा जी ने मां सरस्वती को वीणा बजाने को कहा, वीणा की आवाज से मनुष्यों और जीव-जंतुओं में वाणी (बोल/आवाज) आई.   


बंसत पंचमी पर बन रहे चार शुभ योग
बता दें, हर साल की तरह इस बार 26 जनवरी को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जा रहा है. वैसे तो पंचमी तिथि 25 जनवरी को दोपहर करीब 12 बजकर 35 मिनट से लग जाएगी, लेकिन इसका समापन 26 जनवरी को सुबह 10 बजकर 38 मिनट तक होगा. इस बार बसंत पंचमी पर चार शुभ योग बन रहे हैं- सिद्धि, रवि, शिव और सर्वार्थ योग, जो ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पूजा के लिए बेहद शुभ और फलदायी हैं.  


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इस मुहूर्त में करें सरस्वती पूजा
बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 26 जनवरी को सुबह 7 बजकर 06 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक रहेगा. ऐसे में इस दिन  
सुबह जल्दी उठकर स्नान करके पीले रंग के धुले हुए साफ वस्त्र धारण कर लें. इसके बाद मां सरस्वती को पीले रंग के फूल, मिठाई और पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें और फिर इसके बाद विधिवत पूजा करें. इस दिन पूजा में पीले रंग का विशेष महत्व होता है. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. जी न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता.) 


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