NEET Case Hearing today: नीट पेपर लीक मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. बीती रोज केंद्र सरकार ने एक हलफनामा दायर करते हुए कहा था कि बड़े पैमाने पर कदाचार का कोई सिग्नल नहीं मिला है.
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NEET Case Hearing today: सुप्रीम कोर्ट गुरुवार, 11 जुलाई को NEET-UG 2024 में कथित पेपर लीक और गड़बड़ी से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करने वाला है. इससे एक दिन पहले केंद्र सरकार ने कोर्ट में एक नया हलफनामा पेश किया था, जिसमें दोबारा एग्जाम की मांग का कड़ा विरोध किया गया था. इस हलफनामे में यह भी दावा किया कि IIT-मद्रास की एक व्यापक रिपोर्ट कुछ चुनिंदा सेंटर्स पर गड़बड़ी या उम्मीदवारों को अवैध फायदा पहुंचाने के आरोपों का खंडन करती है.
नीट-यूजी 2024 मामले की पिछली सुनवाई में भारत के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की बेंच ने कई याचिकाओं पर सुनवाई की और मामले को 11 जुलाई के लिए लिस्ट किया था. सुप्रीम कोर्ट ने 8 जुलाई को अपनी सुनवाई के दौरान एनटीए को यह खुलासा करने का आदेश दिया था कि प्रश्नपत्र लीक कब हुआ, प्रश्नपत्र कैसे लीक हुए और प्रश्नपत्र लीक होने से लेकर 5 मई को नीट-यूजी एग्जाम कराने के बीच कितना वक्त लगा?
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को अपने कामों की डिटेल देते हुए हलफनामा दायप करने का निर्देश दिया और नीट-यूजी परीक्षा के मामले में सीबीआई से पूरे हालात की रिपोर्ट मांगी. अदालत ने एग्जाम में समझौता होने की बात भी कबूल किया.
तीन जजों की बेंच ने कहा,"इसमें कोई संदेह नहीं है कि एग्जाम की पवित्रता से समझौता किया गया है. यह एक कबूल किए जाने वाला फैक्ट है कि लीक हुआ है, और लीक होने का नेचर कुछ ऐसी है जिसका हम पता लगा रहे हैं. अगर यह व्यापक नहीं है, तो इसे रद्द नहीं किया जा सकता. लेकिन दोबारा परीक्षा का आदेश देने से पहले हमें लीक की सीमा के बारे में सचेत होना चाहिए क्योंकि हम 23 लाख छात्रों से निपट रहे हैं."
केंद्र ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा पेश किया, जिसमें कहा गया कि न तो "बड़े पैमाने पर कदाचार" का कोई संकेत मिला है और न ही उम्मीदवारों के एक स्थानीय समूह को लाभान्वित किया गया है, जिससे NEET-UG 2024 में असामान्य अंक आए हैं. इसने आगे NEET UG नतीजों में IIT-मद्रास के जरिए किए गए डेटा एनालिटिक्स का हवाला दिया और कहा कि अंक वितरण “घंटी के आकार का वक्र” का अनुसरण करता है, जैसा कि किसी भी बड़े पैमाने पर परीक्षा में देखा जाता है, जो किसी भी असामान्यता का संकेत नहीं देता है.