3 की जगह अब 4 साल का होगा अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम; UGC चेयनमैन ने दी जानकारी
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3 की जगह अब 4 साल का होगा अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम; UGC चेयनमैन ने दी जानकारी

Four Year Undergraduate Programme: आने वाले नए शैक्षणिक सत्र से पूरे देश की 300 से ज्यादा यूनिवर्सिटीज 4 वर्षीय अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम यानि एफवाईयूपी लागू कर सकती हैं. हालांकि, छात्रों के पास एफवाईयूपी या फिर 3 वर्षीय अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम को अपनाने का ऑपशन मौजूद रहेगा. 

3 की जगह अब 4 साल का होगा अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम; UGC चेयनमैन ने दी जानकारी

Four Year Undergraduate Programme: आने वाले नए शैक्षणिक सत्र से पूरे देश की 300 से ज्यादा यूनिवर्सिटीज 4 वर्षीय अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम यानि एफवाईयूपी लागू कर सकती हैं. हालांकि यह नियम बाध्यकारी नहीं होगा. छात्रों के पास एफवाईयूपी या फिर 3 वर्षीय अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम को अपनाने का ऑपशन मौजूद रहेगा. यूजीसी के मुताबिक, छात्रों को रिसर्च स्पेशलाइजेशन के साथ चार वर्षीय स्नातक 'यूजी ऑनर्स' डिग्री मिलेगी. फिलहाल देश भर की तकरीबन 150 यूनिवर्सिटीज में मौजूदा सेशन 2023-24 से एफवाईयूपी लागू हो गया है. यूजीसी चेयरमैन प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार के मुताबिक, अगले सेशन में यह तादाद दोगुनी हो जाएगी.

एजुकेशन सेशन  2023-24 की शुरुआत में देशभर की 105 यूनिवर्सिटीज ने एफवाईयूपी को लागू किया था.  4 साला अंडर ग्रेजुएट सिलेबस को लागू करने वाली यूनिवर्सिटीज में 19 सेंट्रल यूनिवर्सिटीज, 24 राज्य स्तरीय विश्वविद्यालय, 44 डीम्ड विश्वविद्यालय और 18 प्राइवेट यूनिवर्सिटीज शामिल थी.  इनमें DU,AMU, जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय, विश्व भारती विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय व मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय शामिल हैं.

अब इन यूनिवर्सिटीज की तादाद बढ़कर 150 तक पहुंच चुकी है. एफवाईयूपी की रूपरेखा के तहत यूजीसी ने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) के प्रावधानों का पालन करते हुए स्टूडेंट को तीन वर्षीय स्नातक डिग्री के साथ-साथ 4 वर्षीय ऑनर्स डिग्री हासिल करने का ऑपशन दिया गया है. यूजीसी चेयरमैन के मुताबिक, स्टूडेंट 120 क्रेडिट पूरा होने पर तीन साला यूजी डिग्री और 4 वर्ष में 160 क्रेडिट पूरा करने पर एफवाईयूपी ऑनर्स डिग्री हासिल कर सकेंगे.

रिसर्च स्पेशलाइजेशन के ख्वाहिशमंद छात्रों को चार साल के अंडर ग्रेजुएशन सिलेबस में एक रिसर्च प्रोजेक्ट शुरू करना होगा. इससे उन्हें रिसर्च स्पेशलाइजेशन के साथ साथ ऑनर्स की डिग्री हासिल होगी. विशेषज्ञों का कहना है कि चार वर्षीय अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम (एफवाईयूपी) के नए ड्राफ्ट से विदेशों में हायर एजुकेशन हासिल करने के इच्छुक छात्रों को मदद मिलेगी. भारतीय छात्रों में विदेशों में पढ़ाई को लेकर साल दर साल झुकाव बढ़ता जा रहा है. बीते साल नवंबर तक 6 लाख से ज्यादा इंडियन स्टूडेंट हायर एजुकेशन के लिए विदेश गए हैं, जबकि 2021 में यह तादाद 4.44 लाख थी.

 

इन आंकड़ों में कहा गया है कि कनाडा, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त राज्य अमेरिका और इटली ऐसे 5 देश हैं, जहां पर भारतीय छात्र पढ़ने के लिए ज्यादा जा रहे हैं. यूजीसी के नए ड्राफ्ट के मुताबिक, अब छात्र तीन साल के बजाय चार साल पूरा करने पर ही अंडरग्रेजुएट 'ऑनर्स' की डिग्री हासिल कर सकेंगे. यूजीसी का कहना है कि एफवाईयूपी का सिलेबस और क्रेडिट फ्रेमवर्क' का ड्राफ्ट इंटरनेशनल स्टैण्डर्ड के मुताबिक है. एजुकेशन लेवल में इंटरनेशनल बराबरी का एक फायदा यह भी है कि हिन्दुस्तानी छात्रों को अमेरिका और वेस्ट देशों की यूनिवर्सिटीज में हायर एजुकेशन के लिए पहले से ज्यादा मौके प्राप्त हो सकेंगे. 

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