Mohammad Rafi: 28,000 गाने, लग्ज़री गाड़ियां, कई अवार्ड्स; कुछ ऐसी थी मेलोडी किंग की शख्सियत
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Mohammad Rafi: 28,000 गाने, लग्ज़री गाड़ियां, कई अवार्ड्स; कुछ ऐसी थी मेलोडी किंग की शख्सियत

Mohammmed Rafi 44th Death Anniversary: रफी साहब का आज 44वां पुण्यतिथि है. उन्हों अपने करियर में करीब 28,000 गाने गाए. उन्होंने दो शादियां की थीं, जिनसे उनके सात बच्चे हुए. जिनमें 4 बेटे और 3 बेटियां हैं. मोहम्मद रफी की आवाज सुनकर इस बदलते जमाने में भी लोग उन्हें याद करते नहीं थकते. 

 

Mohammad Rafi: 28,000 गाने, लग्ज़री गाड़ियां, कई अवार्ड्स; कुछ ऐसी थी मेलोडी किंग की शख्सियत

Mohammmed Rafi 44th Death Anniversary: हिंदी सिनेमा में यूं तो कई सिंगर आए. लेकिन, मोहम्मद रफी अपनी जादुई आवाज के जरिए हमेशा के लिए हर दिल में बस गए. उन्होंने अपनी आवाज देकर कई एक्टर को सुपरस्टार बनाया. आज मोहम्मद रफी की पुण्यतिथि है. उन्होंने 31 जुलाई 1980 को 55 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहा था.  

रफी साहब ने अपने करियर में करीब 28,000 गाने गाए. उन्होंने दो शादियां की थीं, जिनसे उनके सात बच्चे हुए. जिनमें 4 बेटे और 3 बेटियां हैं. मोहम्मद रफी की आवाज सुनकर इस बदलते जमाने में भी लोग उन्हें याद करते नहीं थकते. 

मोहम्मद रफी के इंतकाल के बाद मशहूर संगीतकार नौशाद ने कहा था कि अब सिर्फ छह ही सुर बचे हैं. उन्होंने रफी  साहब को याद करते हुए थे कहा,  "संगीत के सात सुरों में से एक चला गया है. अब सिर्फ छह ही बचे हैं. आगे लिखा कि 'गूंजती है तेरी आवाज अमीरों के महल में, गरीबों के झोपड़ों में भी है तेरे साज, यूं तो अपने मौसिकी को भी आज तुझ पर नाज है."

लग्जरी कार के थे शौकीन
मोहम्मद रफी लग्जरी गाड़ी के बहुत शौकीन थे. उन्होंने साल 1979 में विदेश से होंडा कार बुक कर भारत मंगवाया था, जो उस जमाने में इंडिया में लॉन्च तक नहीं हुई थीं. इस कार को शिप के जरिए भारत लाया गया था. एक रिपोर्ट के मुताबिक यह कार जब इंडिया पहुंची तो कस्टम वाले भी कंफ्यूज हो गए थे कि वो इस कार पर ड्यूटी लगाएं या नहीं. बता दें कि उस वक्त होंडा बाइक बनाता था. 

रफी को फिल्म में गाने के लिए सबसे पहले किसने दिया मौका
अब बात करते हैं रफी साहब को फिल्म में गाना गाने का मौका कैसे मिला. दरअसल, उस जमाने में श्याम सुन्दर नाम का एक मशहूर संगीतकार हुआ करते थे, उन्होंने रफी को सुनने के बाद उन्हें गाना गाने का पहली बार अवसर दिया. रफी से पंजाबी फिल्म गुल बलोच के लिए अपना पहला गाना गाया. साल 1946 में मोहम्मद रफी मुंबई (बम्बई) आए. यहां से उन्होंने पिछे मुड़कर नहीं देखा. देश बड़े-बड़े संगीतकार मोहम्मद रफी को अपनी फिल्म में गाने गाने के लिए जोर देने लगे.  उन्होंने काफी कम वक्त में संगीत की दुनिया में अलग पहचान बनाई. 

मोहम्मद रफी को उनके गायिकी के लिए पूरे करियर में 6 बार फिल्मफेयर अवार्ड से नवाजा गया है. जबकि रफी ने 1 नेशनल अवॉर्ड भी जीता है. वहीं, भारत सरकार ने उन्हें 'पद्म श्री' से भी सम्मानित किया है. हालांकि, मोहम्मद रफी को भारत रत्न देने की मांग लगातार उठती रही है. 

रफी के बेटे ने की ये मांग

मोहम्मद रफी के बेटे शाहिद रफी ने भी रफी साहब को भारत रत्न  देने की मांग की है. उन्होंने दैनिक भास्कर को दिए एक इंटरव्यू में कहा, "रफी साहब भारत रत्न के असली हकदार हैं. यह फैसला सरकार का है, इसमें सियासत शामिल है इसलिए ज्यादा कुछ नहीं कह सकते."  

 

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