माइनिंग इंजीनियर जसवंत सिंह गिल का रोल निभाएंगे अक्षय कुमार; बंगाल में हुआ था बड़ा हादसा
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माइनिंग इंजीनियर जसवंत सिंह गिल का रोल निभाएंगे अक्षय कुमार; बंगाल में हुआ था बड़ा हादसा

Akshay Kumar New Film:  जल्द ही अक्षय कुमार अपनी आने वाली फिल्म में कोल माइनिंग इंजीनियर जसवंत सिंह गिल का रोल अदा करेंगे. इस फिल्म में अक्षय फिर से सरदार के रोल में नज़र आने वाले हैं. फिल्म में कोल माइनिंग इंजीनियर जसवंत सिंह गिल का रोल अदा करने पर अक्षय कुमार ने ख़ुशी ज़ाहिर की है.

माइनिंग इंजीनियर जसवंत सिंह गिल का रोल निभाएंगे अक्षय कुमार; बंगाल में हुआ था बड़ा हादसा

Akshay Kumar: बॉलीवुड के खिलाड़ी कुमार यानि अक्षय कुमार हर बार ऑडियंस के सामने कुछ अलग करना चाहता है. अब फिर एक बार वो दमदार किरदार में नज़र आने वाले हैं. अक्षय कुमार पर्दे पर कई रियल हीरो की बायोपिक में नज़र आ चुके हैं. उन्होंने केसरी, एयरलिफ्ट और रुस्तम जैसी शानदार फिल्में की हैं. अब जल्द ही अक्षय कुमार कोल माइनिंग इंजीनियर जसवंत सिंह गिल का रोल अदा करेंगे. इस फिल्म में अक्षय फिर से सरदार के रोल में नज़र आने वाले हैं. हाल ही में अक्षय कुमार के सरदार वाले लुक का पोस्टर भी जारी किया गया है. फिल्म को टीनू सुरेश देसाई डायरेक्ट कर रहे हैं, जो इससे पहले नेशनल अवार्ड विनर फिल्म 'रुस्तम' में अक्षय कुमार के साथ काम कर चुके हैं.

जसवंत सिंह गिल ने 65 माइनर्स की बचाई थी जान 
आपको बता दें कि जसवंत सिंह गिल ने साल 1989 में कोयला खदान में फंसे 65 माइनर्स की जान बचाई थी. ये भारत का पहला कोल माइन रेस्क्यू था. केंद्रीय कोयला और खान मंत्री प्रल्हाद जोशी ने जसवंत सिंह गिल को याद करते हुए ट्वीट किया है, "स्वर्गीय वीर जसवंत सिंह गिल को सलाम, जिन्होंने 1989 में कोयले की खदान से 65 श्रमिकों को बचाया. हमें अपने कोल वॉरियर्स पर गर्व है जो भारत की बाधाओं के ख़िलाफ़ हर रोज़ लड़ाई करते हैं. केंद्रीय मंत्री को जवाब देते हुए अक्षय कुमार ने ट्वीट किया, यह मेरी ख़ुशक़िस्मती है कि मैं जसवंत सिंह गिल जी का किरदार निभाने जा रहा हूं" 

1989 में वेस्ट बंगाल के रानीगंज में पेश आया था हादसा
यह बायोपिक 'माइनिंग इंजीनियर जसवंत सिंह गिल' की है, जिन्होंने बेहद मुश्किल हालात में 1989 में वेस्ट बंगाल के रानीगंज में कोयले की खदान में फंसे माइनर्स को बचाया था. 22 नवंबर, 1939 को अमृतसर में पैदा हुए गिल ख़ालसा कॉलेज के पूर्व छात्र थे और 1991 में राष्ट्रपति रामास्वामी वेंकटरमन ने उन्हें सर्वोत्तम जीवन रक्षा मेडल से नवाज़ा गया था. रानीगंज कोयला खदान, भारत की पहली कोयला खदान, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के जॉन सुमनेर और सुएटोनियस ग्रांट हीटली द्वारा खनन गतिविधियों के लिए लाइसेंस हासिल करने के बाद 1774 में खोली गई थी. 

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