Gulshan Kumar Murder Case: बॉम्बे हाई कोर्ट ने अब्दुल रऊफ की सजा रखी बरकरार
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Gulshan Kumar Murder Case: बॉम्बे हाई कोर्ट ने अब्दुल रऊफ की सजा रखी बरकरार

जस्टिस जाधव और जस्टिस बोरकर की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि रमेश तौरानी के खिलाफ सबूत नहीं मिलने की बिना पर उन्हें बरी किया जा रहा है.

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नई दिल्ली: टी सीरीज के संस्थापक गुलशन कुमार मर्डर केस (Gulshan Kumar Murder Case) में बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने गुरुवार को अपना फैसला सुना दिया है. अदालत ने दाऊद इब्राहीम के गुर्गे अब्दुल रऊफ की उम्रकैद की सजा को बरकार रखा है. 

अदालत ने कहा कि रऊफ किसी तरह की उदारता का हकदार नहीं है. इसके अलावा अब्दुल राशिद  (रऊफ का भाई), जिसे सेशन कोर्ट ने बरी कर दिया था, उसे भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई है.अब्दुल राशिद को को आईपीसी (IPC) की धारा 302, 307 और 34 के तहत दोषी पाया गया है. इसी आधार पर बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने उसकी उम्रकैद (Life Term) की सजा सुनाई है.

जस्टिस जाधव और जस्टिस बोरकर की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि रमेश तौरानी के खिलाफ सबूत नहीं मिलने की बिना पर उन्हें बरी किया जा रहा है. वहीं अदालत ने एक अन्य अर्जी जो महाराष्ट्र सरकार की जानिब से दाखिल की गई थी, को खारिज कर दिया है. यह अर्जी रमेश तौरानी को बरी करने के खिलाफ थी.

इस मामले में अब्दुल राशिद इस वक्त फरार है. वह पैरोल पर छूटने के बाद से फरार चल रहा है. अदालत ने कहा है कि अब्दुल राशिद को एक हफ्ते के अंदर पुलिस के सामने सरेंडर करना होगा. उसे अपना पासपोर्ट भी पुलिस स्टेशन में सबमिट करना होगा.

याद रहे कि 12 अगस्त 1997 को मशहूर संगीतकार गुलशन कुमार मंदिर से घर लौटकर जा रहे थे तभी कुछ बदमाशों ने उनपर गोलियां बरसा दी थीं. जांच में यह बात सामने आई थी कि अंडरवर्ल्‍ड डॉन अबू सलेम के इशारे पर उसके गुर्गों ने इस हत्‍या को अंजाम दिया था.

जानिए पूरा मामला:
गुलशन कुमार ने 80 की दहाई में उन्होंने टी-सीरीज की स्थापना की और 90 की दहाई तक वो कैसेट किंग के नाम से मशहूर हो चुके थे और टी-सीरीज करोड़ों की कंपनी बन चुकी थी. गुलशन कुमार के कत्ल में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और अबू सलेम का नाम लिया जाता है.

पिता के साथ जूस की दुकान बटाते थे हाथ
गुलशन कुमार की कामयाबी की कहानी बहुत मुश्किलों भरी है उन्होंने बहुत बुरे हालात से कामयाबी के आसमान को छुआ है. गुलशन कुमार की पिता की जूस की दुकान थी लेकिन गुलशन ने म्‍यूजिक इंडस्‍ट्री में अपनी खास पहचान बनाई. गुलशन कुमार ने 80 की दहाई में टी सीरीज की बुनियाद रखी थी और बहुत तेजी से वो कामयाबी की सीढ़ियों तक पहुंचे. गुलशन कुमार ने 10 सालों के अंदर कंपनी का कारोबार 350 मिलियन तक पहुंचा दिया था. 

शूटरों ने 16 गोलियों से भून डाला
इतना ही नहीं उन्होंने कई सिंगर्स को भी लॉन्च किया था. कहा जाता है कि इसी कामयाबी को देखकर वो अंडर वर्ल्ड डॉन की नजरों में खटकने लगे थे. कहा जाता है कि अबु सलेम ने गुलशन कुमार को मारने की जिम्मेदारी दाऊद मर्चेंट और विनोद जगताप नाम के शार्प शूटरों को दी थी और फिर एक दिन मुंबई में जीतेश्वर महादेव मंदिर के बाहर उनपर 16 गोलियां चलाई गईं. देखते ही देखते उनकी जान चली गई.

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