लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) 28 सितंबर 1929 को इंदौर के मराठी परिवार में पंडित दीनदयाल मंगेशकर के घर पैदा हुईं. लता जी को संगीत विरासत में मिला. लता जी के पिता रंगमंच के एक कलाकार और गायक भी थे.
Lata Mangeshkar Biography: सुर कोकिला लता मंगेशकर का आज इंतेकाल हो गया. वह 92 साल की थीं. उन्होंने मुंबई में आखिरी सांस ली. लता जी ने 1948 से लेकर 1989 तक 30 हजार से भी ज्यादा गाने गाए. आइए आपको तस्वीरों के जरिए लता मंगेशकर की जिंदगी के बारे में बताते हैं.
लता मंगेशकर 28 सितंबर 1929 को इंदौर के मराठी परिवार में पंडित दीनदयाल मंगेशकर के घर पैदा हुईं. लता जी को संगीत विरासत में मिला. लता जी के पिता रंगमंच के एक कलाकार और गायक भी थे.
लता मंगेशकर अपने सभी भाई-बहनों में बड़ी हैं. मीना खाडीकर, उषा मंगेशकर, आशा भोंसले, ह्रदयनाथ मंगेशकर ये सभी लता मंगेशकर से छोटे हैं. लता मंगेशकर जब 13 साल की थीं तबी उनके पिता का निधन हो गया था.
लता जी ने उस्ताद बड़े गुलाम अली खान, पंडित तुलसीदास शर्मा और अमानत देवसल्ले से संगीत की शिक्षा ली. साल 1948 में मास्टर विनायक की मौत के बाद गुलाम हैदर लता जी के संगीत मेंटर बने.
लता जी ने हिंदी भाषा में पहला गाना 'माता एक सपूत की, दुनिया बदल दे तू' और मराठी फिल्म 'गाजाभाऊ' के लिए गाना गाया. इसके बाद लता मंगेशकर मुंबई चली गईं.
साल 1949 में आई फिल्म 'महल' में लता जी का मधुबाला के लिए गाया हुआ एक गाना 'आएगा आने वाला...' काफी हिट हुआ. लता जी को पहली बार साल 1958 में फिल्म 'मधुमति' के लिए सलिल चौधरी के लिए गीत 'आजा रे परदेशी' के लिए बेस्ट फीमेल सिंगर का फिल्म फेयर अवॉर्ड मिला.
लता जी ने 1963 में पंडित जवाहरलाल नेहरू की मौजूदगी में 'ऐ मेरे वतन के लोगों' गाया, जो आज भी बेहद लोकप्रिय है. इस गाने को सुनने के बाद नेहरू जी की आंखों से आंसू निकल आए थे.
1960 से लेकर 1980 के दौरान लता जी ने कई संगीतकारों के साथ काम किया जिनमें मदन-मोहन, लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल, सलिल चौधरी और हेमंत कुमार के साथ काम किया.
1990 में लता जी ने आनंद-मिलिंद, नदीम-श्रवण, जतिन-ललित, दिलीप-समीर सेन, उत्तम सिंह, अनु मलिक, आदेश श्रीवास्तव और ए आर रहमान के साथ भी काम किया.
लता मंगेशकर को भारतीय संगीत में दिए गए महत्वपूर्ण योगदान के लिए 1969 में पद्मविभूषण, 1989 में दादा साहब फाल्के अवॉर्ड, 1999 में महाराष्ट्र भूषण अवॉर्ड, 2001 में भारतरत्न से नवाजा गया. 3 नेशनल फिल्म अवॉर्ड, 12 बंगाल फिल्म पत्रक अवॉर्ड और 1993 में फिल्म फेयर लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड समेत कई सारे पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है.
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