रियलिटी शोज की जानी-मानी हस्ती आशुतोष कौशिक ने ’भूलने के अधिकार’ के तहत अफसरों को कौशिक के नाम से लिखे गए सभी पोस्ट, वीडियो, लेख को हटाने के लिए प्रभावी और समयबद्ध कार्रवाई करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.
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नई दिल्लीः रियलिटी शोज की जानी-मानी हस्ती आशुतोष कौशिक ने ’भूलने के अधिकार’ के तहत जुमेरात को दिल्ली उच्च न्यायालय से केंद्र और गूगल को हिदायत देने का अनुरोध किया कि उनके कुछ वीडियो, फोटो और लेख विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से हटाए जाएं क्योंकि ये उनकी जिंदगी पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहे है. न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने इस याचिका पर सूचना और प्रसारण मंत्रालय, गूगल एलएलसी, प्रेस काउंसिल आफ इंडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया निगरानी केंद्र को नोटिस जारी किए है. इन सभी को चार सप्ताह के अंदर उस याचिका पर जवाब देना है जिसमे कहा है कि याचिकाकर्ता ’निजता के अधिकार’ और ’भूलने के अधिकार’ का इस्तेमाल कर रहा है. अदालत ने इस मामले को दिसम्बर में आगे की सुनवाई के लिए लिस्ट किया है. तस्वीरें, वीडियो और लेख 2009 में शराब पीकर गाड़ी चलाने के मुबैयना अपराध के लिए हिरासत में लिए जाने से संबंधित हैं.
पुरानी तस्वीरें पोस्ट, वीडियो और लेख हटाए जाएं
कौशिक का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील अमित जॉर्ज ने कहा कि जब भी उनका नाम इंटरनेट पर खोजा जाता है, तो उनके पिछले जीवन से संबंधित तस्वीरें गूगल सहित विभिन्न सर्च इंजन पर दिखाई देती है. यह कंटेंट अब मौजूदा वक्त में अप्रासंगिक हैं और उनकी गरिमा और प्रतिष्ठा को गंभीर चोट पहुंचा रहे हैं. याचिका में अफसरों को कौशिक के नाम से लिखे गए सभी पोस्ट, वीडियो, लेख को हटाने के लिए प्रभावी और समयबद्ध कार्रवाई करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.
पूर्व की गलती को भूलने नहीं दे रहा है गूगल
वकील अक्षत बाजपेयी, इशानी शर्मा और श्रेया गुप्ता के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है, ‘‘हालांकि, सिल्वर स्क्रीन उद्योग में उत्कृष्ट सफलता प्राप्त करने के बावजूद, याचिकाकर्ता को गहरी पीड़ा के साथ अपने छोटे-मोटे कृत्यों के लिए अत्यधिक मनोवैज्ञानिक पीड़ा झेलनी पड़ी है, जो एक दशक पहले गलती से हुए थे क्योंकि रिकॉर्ड किए गए वीडियो, फोटो, उससे जुड़े लेख विभिन्न सर्च इंजन या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अभी भी उपलब्ध हैं.
भूलने का अधिकार अभी देश में कानून नहींः गूगल
इस याचिका के जवाब में गूगल का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद निगम ने कहा कि भूलने का अधिकार अभी देश में कानून नहीं है. जिसके जवाब में याचिकाकर्ता ने है कि भारत का संविधान ’भूलने के अधिकार’ को स्पष्ट रूप से मान्यता नहीं देता है. लेकिन शीर्ष अदालत ने दैहिक स्वतंत्रता को जीवन के अधिकार में शामिल बताया है और इसीलिए निजता के अधिकार को भी इसका हिस्सा माना गया है.
क्या है मामला
2007 में एमटीवी हीरो होंडा रोडीज 5.0 और 2008 में बिग बॉस का दूसरा सीजन जीतने वाले कौशिक ने अपनी याचिका में कहा है कि ’भूलने का अधिकार’ किसी शख्स के कुछ डेटा को हटाने के दावे को प्रतिबिंबित करता है ताकि कोई तीसरा शख्स अब उनके पहले की जिंदगी के बारे में पता न लगा सकें. अरअसल, कौशिक की ये तस्वीरें, वीडियो और लेख 2009 में शराब पीकर गाड़ी चलाने के मुबैयना अपराध के लिए हिरासत में लिए जाने से संबंधित हैं. इससे अ बवह बाहर आ चुके हैं, लेकिन उनका कहना है कि गूगल इसे उन्हें भूूलने नहीं दे रहा है.
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