आजकल लोग दिन की शुरूआत कॉफी या एनर्जी ड्रिंक से शुरूआत करते हैं. कैफिन एक उत्तेजक के रूप में काम करता है. यह हृदय गति को बढ़ाता है. जिससे बेचैनी और चिंता की भावना पैदा होती है. इसलिए कैफिन का सेवन कम कर देना चाहिए.
आजकल सबसे ज्यादा सोशल मीडिया और स्क्रीन से कनेक्ट रहने से भी चिंता का स्तर बढ़ जाता है. लोग हमेसा अपने फोन को चेक करते रहते है. ऐसे में देश या दुनिया में होने वाली घटनाएं आपको विचलित कर सकती है. ऐसे में आप फोन से दूरी बना ले.
नींद की कमी इंसान के मानसिक स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है. क्यों कि नींद की कमी के वजह से चिंता बढ़ सकती है. रोजना एक अच्छी नींद लेनी चाहिए ताकि स्वास्थ्य खराब ना हो. शांत माहौल में नींद लेना आपको चिंता से बचा सकता है.
स्थिर जीवनशैली जीने से चिंता का स्तर बढ़ सकता है. शारीरिक व्यायाम से एंडोर्फिन रिलीज होता है. शारीरिक गतिविधियों को बनाए रखने से स्ट्रेस हार्मोन को रेगुलेट करने में मदद करता है. आपको मानसिक तौर पर स्वस्थ रहने में मदद कर सकता है.
इंसान को खुद की देखभाल की जरूरतों को नजरअंदाज करने से चिंता के लक्षण बढ़ सकता है. काम से फुर्सत निकाल कर अपने दोस्तों और परिवारवालों को वक्त दें. इससे चिंता का कम करने में मदद मिलती है.
समाजिक चिंता भय के रूप में माना जाता है. जहां कोई बेवकूफ या शर्मिंदा महसूस कर सकता है. समाजिक चिंता एक व्यक्ति के समाजिक जीवन और कैरियर को बाधित कर सकता है. इससे बचने के लिए आप चिंता करना छोड़ दें.
नोट: यह जानकारी समान्य है. जी सलाम इसकी पुष्टी नहीं करता है. अगर परेशानी हो तो डॉक्टर से सलाह ले.
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