Knuckle Cracking: उंगलिया तो आप भी चटखाते होंगे लेकिन क्या कभी यह काम करते वक्त आपने सोचा है कि आवाज क्यों आती है और फिर इसके फायदे नुकसान क्या हो सकते हैं. पढ़िए आखिर क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स:
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Knuckle Cracking: हाथ या फिर पांव की उंगलियां चटखाना बेहद आम अमल है. इस काम को कुछ लोग जान-बूझकर तो कुछ लोग आदतन करते हैं. कुछ लोगों को पता भी नहीं होता और अपनी उंगलियां चटखाने लगते हैं. यह काम लगभग हर आदमी ने किया होगा लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि उंगलियां चटखाने पर आवाज़ क्यों आती है और क्या ऐसा करने से कोई नुकसान होता है. इन सभी सवालों के जवाब एक अमेरिकी हेल्थ वेबसाइट ने दिए हैं.
कुछ लोग उंगलिया चटखाते वक्त आनंद लेते हैं, कुछ लोग इसे घबराहट की की वजह से करते हैं तो वहीं कुछ तनाव दूर करने के लिए सोचते हैं या कुछ खाली समय में वे अपनी उंगलियों को चटखाना शुरू कर देते हैं.
आपने देखा होगा कि जब आप एक उंगली चटखा लेते हैं तो तुरंत बाद उसी उंगली को उसी जगह पर दुबारा नहीं पटखाया नहीं जा सकता. अगर आप उसी जगह से दूसरी बार आवाज निकालना चाहते हैं तो इसके लिए आपको कुछ वक्त इंतेजार करना पड़ेगा. दरअसल उंगलियों के जोड़ों के बीच की जगह में हवा (गैस) भरने से एक बुलबुला बन जाता है. जब उंगलियों को चटखाया जाता है तो यह बुलबुला फट जाता है. उस बुलबुले के फटने से 'कड़क' जैसी आवाज़ निलकती है.
कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि उंगलिया चटखाने का कोई नुकसान नहीं है, जबकि कुछ एक्सपर्ट्स सावधानी बरतने की सलाह देते हैं और खास तौर पर बच्चों को ऐसा करने से रोकते हैं क्योंकि उनकी हड्डियां कमजोर होती हैं. इस संबंध में कैलिफोर्निया के एक चिकित्सक ने रिसर्च की और खुद पर आजमाया किया. बहुत देर तक वह एक हाथ की उंगलियां चटखाते रहे जबकि दूसरे हाथ की उंगलियों पर कुछ नहीं करते थे. बाद में जब उन्होंने एक्स-रे कराया तो दोनों हाथों के जोड़ों में कोई बदलाव नहीं आया.
कुछ एक्सपर्ट्स का यह भी मानना है कि अगर उंगिलयां लगातार चटखाई जाएं तो इससे जोड़ों पर असर पड़ सकता है. ऐसे में इस अमल से बचना चाहिए. इससे बचने का आसान तरीका यह है कि अपने को ज्यादा से ज्यादा मसरूफ रखें.
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