शहीद की बेवा ने लिया ऐसा फैसला कि आज पूरा मुल्क उन्हें सलाम कर रहा है
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शहीद की बेवा ने लिया ऐसा फैसला कि आज पूरा मुल्क उन्हें सलाम कर रहा है

शहीद मेजर विभूति ढौंडियाल की शहादत के एक साल पूरे हो चुके हैं, मेजर विभूति की बेवा निकिता ने यह फैसला लेकर मिसाल पेश करते हुए मुल्क की खिदमात का हलफ उठाया

 

शहीद की बेवा ने लिया ऐसा फैसला कि आज पूरा मुल्क उन्हें सलाम कर रहा है

पुलवामा हमले के शहीद मेजर विभूति ढौंडियाल की बेवा नीतिका के जज्बे और उनके हौसले को आज पूरा मुल्क सलाम कर रहा है. मेजर विभूति की शहादत के बाद नितिका ने हिम्मत दिखाकर वो मिसाल पेश की जो अपने आप में काबिले तारीफ है.अभी नीतिका फौज में अफसर बनने की दिशा में आगे बढ रही है वो सभी आवश्यक एग्ज़ाम पास कर चुकी है और अब इंतजार है तो सेना में उनकी ज्वाइनिंग का।बता दें कि आज शहीद मेजर विभूति की शहादत को एक साल का वक्त हो गया है.

ख्वाब टूटे हैं मगर हौसले जिंदा है, हम वो हैं जहां मुश्किलें शर्मिंदा हैं.दरअसल मुश्किलें शहीद मेजर विभूति ढौंडियाल की बेवा निकिता के हौंसले के आगे शर्मिंदा हैं क्योंकि अब उन्होंने फौज में शामिल होकर अपने शौहर के रास्तों पर चलना चाहती हैं. और निकिता ने आज के दौर में वो कर के दिखाया है जो शायद अब किस्सों और कहानियों में ही महदूद है.अक्सर इंसान हालात के आगे मजबूर हो जाता है..बिखरते जाता है लेकिन निकिता उन में से हैं जो मुश्किलों पर चलकर रास्ता बनाती हैं. तभी तो शौहर के शहादत के एक साल होते होते उन्होंने यह फैसला कर लिया कि वे फौज में शामिल होंगी....  

निकिता मुल्क के तई फर्ज को निभाने के साथ साथ अपनी सच्ची मोहब्बत को भी निभाने से पीछे नहीं हट रही हैं. ये निकिता की मोहब्बत ही थी कि शौहर की जस्ते खांकी को आई लव यू कहकर विदा किया था.उस नज़ारे को देखकर पूरा मुल्क रो पड़ा था.निकिता का सुहाग शादी के एक साल के भीतर ही उजड़ चुका था. और उनके सामने पूरी जिंदगी पड़ी हुई थी. वे चाहती तो जिंदगी की नई शुरुआत कर सकती थीं. लेकिन निकिता ने मोहब्बत की वो मिसाल पेश की जो सबके बस की बात नहीं.अपनी मल्टीनेशनल कंपनी में अच्छी सैलरी पाने वाली नौकरी छोड़कर उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी अपने वतन और अपने शौहर के ख्वाब के नाम पर बसर करने का फैसला लिया.  

 

फौज में तकर्रुरी के तमाम अमल को पूरा करने के बाद निकिता सभी जरुरी इम्तिहानात में भी पास हो गईं.निकिता इंतेज़ार कर रही हैं उनकी ज्वाइनिंग का. निकिता कहती हैं कि जब उनके सामने जिंदगी का सबसे बुरा वक्त आया तब उनके अहलेखाना का साथ मिला जिससे मेरी हिम्मत बढ़ी और हौसला अफजाई हुई.   

मेजर विभूति की शहादत को एक साल पूरे हो चुके हैं.तमाम मुश्किलात से लड़कर जीतने वाली निकिता का कहना है कि जिंदगी में कभी हार नहीं माननी चाहिए. वो कहती हैं कि खुदमुख्तार होकर इंसान काफी कुछ सिखता है..निकिता कहती हैं कि मेजर विभूति की यादें भी निकिता की हौसला अफजाई करती हैं..निकिता का हौसला , उनका जज्बा और उनकी हिम्मत वाकई में काबिले तारीफ है..निकिता उन लड़कियों और ख्वातीन के लिए मिसाल हैं जो मुसीबतों से घबराकर टूट जाती हैं.. निकिता के इस जज्बे और जुनून को पूरे मुल्क का सलाम.

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