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AMU के अल्पसंख्यक दर्जे पर क्या बोले विपक्षी दल? ओवैसी ने भाजपा को दी नसीहत

Opposition on AMU: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे को बरकरार रखने का बहुत से सांसदों ने सावागत किया है. विपक्षी सांसदों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है.

AMU के अल्पसंख्यक दर्जे पर क्या बोले विपक्षी दल? ओवैसी ने भाजपा को दी नसीहत

Opposition on AMU: विपक्षी दलों ने शुक्रवार को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और कांग्रेस नेता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि संवैधानिक बुद्धिमत्ता के लिए यह फैसला काबिले तारीफ है. हालांकि, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट की नई पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी तो केंद्र सरकार विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक दर्जे के सवाल पर अपना रुख ‘दृढ़ता से’ रखेगी. 

कांग्रेस सांसद सिंघवी ने की तारीफ
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक दर्जे संबंधी मामले को नयी पीठ के पास भेजने का फैसला लिया और 1967 के उस फैसले को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि विश्वविद्यालय को अल्पसंख्यक संस्थान नहीं माना जा सकता क्योंकि इसकी स्थापना केंद्रीय कानून के तहत की गई थी. कांग्रेस सांसद सिंघवी ने कहा, "बहुमत का निर्णय अपनी दृढ़ता, संवैधानिक बुद्धिमत्ता और ऐतिहासिक गहराई के कारण अत्यधिक सराहनीय है, जिसके साथ यह एएमयू की स्थापना के मूल उद्गम और उद्देश्य को मान्यता देता है." 

यह भी पढ़ें: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी पर केंद्र का क्या रहेगा रुख? भाजपा ने दी जानकारी

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क्या बोले ओवैसी?
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने फैसले की तारीफ करते हुए कहा कि यह भारत में मुसलमानों के लिए अहम दिन है. ओवैसी ने ‘एक्स’ पर लिखा, "साल 1967 के फैसले में AMU के अल्पसंख्यक दर्जे को खारिज कर दिया गया था जबकि वास्तव में उसका यही दर्जा था. अनुच्छेद 30 में कहा गया है कि अल्पसंख्यकों को अपने शैक्षणिक संस्थानों को उस तरीके से स्थापित करने का अधिकार है जिस तरह वे उचित समझते हैं." उन्होंने एएमयू के छात्रों और शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा, "अल्पसंख्यकों के खुद को शिक्षित करने के अधिकार को बरकरार रखा गया है." उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एएमयू, जामिया मिलिया इस्लामिया और यहां तक ​​कि मदरसों को निशाना बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया है और पार्टी को "अब आत्मनिरीक्षण करना चाहिए." उन्होंने कहा कि केंद्र को एएमयू की सहायता करनी चाहिए क्योंकि यह भी एक केंद्रीय विश्वविद्यालय है. 

कम्युनिस्ट पार्टी ने किया स्वागत
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता हन्नान मुल्ला ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की बयानबाजियों से पता चलता है कि AMU की स्थापना अल्पसंख्यकों ने की थी. उन्होंने कहा, "संसद बहुसंख्यकों, अल्पसंख्यकों, सभी वर्गों के लिए कानून बनाती है. संसद कमजोर वर्गों के अधिकार नहीं ले सकती." समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अब्दुल हाफिज गांधी ने कहा, "हम इस फैसले का स्वागत करते हैं. इसने एक रूपरेखा प्रदान की है जिसमें एएमयू के लिए अल्पसंख्यक दर्जा प्राप्त करना संभव होगा."

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