असम में जिन सरकारी मदरसों को स्कूल में किया गया था कन्वर्ट, तरस रहे वहां के शिक्षक और छात्र
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असम में जिन सरकारी मदरसों को स्कूल में किया गया था कन्वर्ट, तरस रहे वहां के शिक्षक और छात्र

Guwahati News: असम सरकार ने मदरसे को बदलकर सरकारी स्कूल बना दिया. सरकारी सहूलत नहीं देने की वजह से टीचर्स ने नाराजगी का इजहार किया. टीचर्स ने बताया कि उन्हें तनख्वाह के साथ-साथ सरकारी सुविधा से भी वंचित रखा गया है.

 

असम में जिन सरकारी मदरसों को स्कूल में किया गया था कन्वर्ट, तरस रहे वहां के शिक्षक और छात्र

Assam Madarsa News: असम सरकार ने मदरसे को बदलकर सरकारी स्कूल बना दिया. इस सिलसिल में जी मीडिया ने शिक्षकों से खास बातचीत की और उनकी हालत की जानकारी ली. मदरसे से स्कूल का शिक्षक बनने के बाद आज तक तनख्वाह या सरकारी सुविधा नहीं दी जा रही है. साथ ही साथ जिन मदरसे को बदलकर सरकारी स्कूल बनाया गया था, उन स्कूलों के छात्र-छात्राओं को मिड डे मील भी नहीं दिया जाता है. मदरसे से बदल कर स्कूल होने के कारण भी कोई सरकारी मदद नहीं मिल रही है. इस बात को लेकर सरकारी मदरसे के टीचर्स ने अपनी नाराजगी जाहिर की. कमेटी के सद्र, हाफिज नज़रुल इस्लाम ने कहा कि, सरकारी मदरसे के शिक्षकों का एक संगठन बनाया गया है, जिनको सरकारी मदद या तनख्वाह नहीं मिल रही है.

उन्होंने बताया कि, असम मदरसा कन्वर्ट स्कूल टीचर एसोसिएशन के नाम से एक तंजीम बनाई गई है.  हम इस तंजीम के जरिए सरकार से मांग कर रहे हैं कि, मदरसे को सरकारी स्कूल में बदल दिया गया, लेकिन सरकारी टीचर्स की तरह सहूलियात नहीं दी जा रही और न ही अब तक सैलरी जारी की गई है, जिसके कारण हमारे सामने कई तरह की परेशानियां पेश आ रही हैं. उन्होंने बताया कि, इस आर्गेनाइजेशन के जरिए सरकार से मांग कर रहे हैं कि हमें जल्द से जल्द सैलरी दी जाए,ताकि हमारी समस्या दूर हो सके.

टीचर्स ने अपने ख्यालात का इजहार करते हुए कहा कि, हमें सरकारी मदद से महरूम रखा गया है. हम लोग असम के सीएम से अपील करते हैं कि, हमें जल्द से जल्द तनख्वाह और सरकारी सुविधा दी जाए. पीड़ित लोगों ने कहा कि हमारी आर्थिक हालत ठीक नहीं है. साथ ही उन्होंने बताया कि, स्कूल में छात्र-छात्राओं को मिड डे भी नहीं मिल रहा है. जो कि सरकारी स्कूल में मिलता है. टीचर्स ने कहा कि,हमारे मदरसे को बदलकर स्कूल बना दिया गया. हमारे साथ नाइंसाफी की जा रही है. हमारे शिक्षकों को तनख्वाह नहीं दी जा रही है और बच्चों को दोपहर का खाना भी नहीं दिया जाता है. टीचर्स ने इस मामले में आंदोलन शुरू करने की बात कही.

Report: Sharifuddin Ahmed

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