Delhi News: जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहम बुखारी ने पीएम मोदी से गुजारिश की है कि वह मुसलमानों की मन की बात सनें. उन्होंने हाल ही में हुई घटनाओं का जिक्र करते हुए गृह मंत्री अमित शाह और पीएम मोदी से ये आग्रह किया है.
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Delhi News: जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहम बुखारी ने शुक्रवार को देश में बढ़ रही नफरत के खिलाफ फिक्र का इजहार कियाा और पीएम नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वह मुसलमानों की मान की बात को सुनें. हाल ही में हुई घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने ऐतिहासिक मस्जिद में अपने शुक्रवार के उपदेश में सुझाव दिया कि पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह समुदाय के बुद्धिजीवियों के साथ बातचीत करें.
ज्ञात हो कि हाल ही हरियाणा के नूंह में हिंसा हुई थी. जिसके बाद हरियाणा के कई इलाकों में भी मुसलमानों को बायकॉट करने और मस्जिदों पर हमले करने के मामले पेश आए थे. देश के बिगड़ते हालातों को देखते हुए दिल्ली जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद इमाम बुखारी ने पीएम मोदी से ये गुजारिश की है. उन्होंने जुमा के दौरान अपनी तकरीर में कहा है कि , ''देश की मौजूदा स्थिति के कारण मुझे बोलने के लिए मजबूर होना पड़ा है."
बुखारी कहते हैं- "देश में हालात चिंताजनक हैं और नफरत की आंधी देश में शांति के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रही है". बुखारी कहते हैं- "आप अपने 'मन की बात' कहते हैं लेकिन आपको मुसलमानों के 'मन की बात' भी सुननी होगी. मौजूदा हालातों से मुसलमान परेशान हैं और अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं."
शाही इमाम ने कहा- "एक धर्म के लोगों को खुलेआम धमकाया जा रहा है. पंचायतें हो रही हैं जहां मुसलमानों के बहिष्कार का आह्वान किया गया और उनके साथ व्यापार और व्यवसाय को समाप्त करने की घोषणा की गई. दुनिया में 57 इस्लामी देश हैं जहां गैर-मुस्लिम भी रहते हैं लेकिन उन्हें किसी भी खतरे का सामना नहीं करना पड़ता है." "भारत में इतनी नफरत क्यों? क्या हमारे पूर्वजों ने इसी दिन के लिए आजादी हासिल की थी? क्या अब हिंदू और मुस्लिम अलग-अलग रहेंगे?"
इस दौरान इमाम बुखारी ने पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से भी गुजारिश की. उन्होंने कहा- "मैं प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से कहना चाहता हूं कि उदार बनें और मुस्लिम बुद्धिजीवियों से बात करें. मैं देश के मुसलमानों की तरफ से आपसे कहना चाहता हूं कि आप हमसे बात करें, हम तैयार हैं."
31 जुलाई को हरियाणा के नूंह में एक मार्च पर पथराव होने के बांद हिंसा हुई. ये मार्च विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के जरिए निकाला जा रहा था. अगले दिन ही नूंह की आग गुरुग्राम पहुंच गई और भीड़ ने एक मस्जिद पर हमला कर दिया. जिसमें एक इमाम की हत्या कर दी गई. इससे पहले ट्रेन में एक पुलिस के जवान ने चार लोगों की गोली मारकर हत्या की थी. मरने वालों में एक पुलिसकर्मी था और तीन मुस्लिम शख्स थे. कुछ दिन पहले ही हरियाणा की कई पंचायतों ने मुसलमानों ने व्यापार ना करने की बात कही थी और कहा था कि जो ऐसा करेगा उनका बहिष्कार किया जाएगा.