Haridwar News: कई महीनों से दो पहाड़ी राज्यों हिमाचल और उत्तराखंड में मस्जिदों और मजारों को लेकर विवाद जारी है. हिमाचल प्रदेश के संजौली मस्जिद विवाद की से भड़की आग इन दोनों राज्यों के हर कोणे में फैल चुकी है. हिन्दू संगठन कभी अवैध मस्जिद तो कभी अवैध मजार बताकर ध्वस्त करने की मांग करते रहते हैं. इसी तरह का मामला आज उत्तराखंड से सामने आया है, जहां सरकार ने एक मजार को यह कहते हुए ध्वस्त कर दिया कि यह मजार अवैध है और यह मजार पुनर्वास विभाग की जमीन पर बनाई गई है.


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यह पूरा मामला हरिद्वार का है. जिला प्रशासन ने आज सुबह बहादराबाद गढ़मीर पुर में एक मजार को सरकारी जमीन पर बना हुआ बताकर गिरा दिया है.  बताया जा रहा है कि यह मजार टिहरी बांध परियोजना के पुनर्निवास विभाग की जमीन पर बनाई गई थी.



डीएम ने क्या कहा?
हरिद्वार एसडीएम अजय वीर सिंह की अगुआई में भारी पुलिस बल आज सुबह बहादराबाद गढ़मीर पुर इलाके की घेराबंदी की और इसके बाद मजार को ध्वस्त कर दिया. प्रशासन ने बताया कि यह कार्रवाई  जिले के अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत की गई है. उन्होंने कहा कि इस मजार को बनाने के लिए लिए जिला प्रशासन से कोई इजाजत नहीं ली गई थी, जबकि सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है कि 2016 के बाद किसी भी धार्मिक स्थल के नए निर्माण और पुनर्निर्माण से पहले डीएम से इजात लेना अनिवार्य है.



अब तक 450 मजारों को किया ध्वस्त
यह कार्रवाई हरिद्वार डीएम कामेंद्र सिंह के निर्देशानुसार के बाद की गई. उत्तराखंड की धामी सरकार में मजार की ध्वस्त करने का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी प्रदेश के कई मजारों को अवैध बताकर ध्वस्त किया जा चुका है. सरकार ने बकायदा अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत 1000  मजारों को अवैध बताकर चिन्हित किया है, जिसमें से करीब 450 से ज्यादा मजारों को अभी तक ध्वस्त भी कर दिया है. 


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15 मुस्लिम परिवारों को इलाका छोड़ने 
दूसरी तरफ,  उत्तराखंड के ही चमोली जिले में मुस्लिम व्यापारियों का बहिष्कार करते हुए खानसर टाउन में रह रहे 15 मुस्लिम परिवारों इलाका छोड़ने अल्टीमेटम दिया है.व्यापारियों के एक संगठन ने इसके लिए बकायदा एक रिज्यूलूशन भी पास किया है.