Avimukteshwaranand Saraswati on Ram Mandir: इससे पहले विमुक्तेश्वरानंद सरस्वती 17 अक्टूबर को कहा, "राम मंदिर का अभी सिर बना ही नहीं, सिर्फ धड़ बना है और ऐसे में प्राण प्रतिष्ठा करना ठीक नहीं है."
Trending Photos
Avimukteshwaranand Saraswati on Ram Mandir: अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन समारोह की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. इस बीच शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने दावा किया है, "बाबरी मस्जिद-राम मंदिर विवाद का हल सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नहीं बल्कि 'कोर्ट के बाहर' हुआ है."
सुन्नी वक्फ बोर्ड को लेकर कही ये बात
एक उर्दू अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, शंकराचार्य ने कहा, "इस विवाद का समाधान इसलिए हो पाया, क्योंकि यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड ने बाबरी मस्जिद पर अपना स्वामित्व वाला दावा छोड़ने का हलफनामा कोर्ट में दिया था." वहीं सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन का कहना है, "उच्चतम न्यायालय ने मेरिट के आधार पर फैसला सुनाया था, इसलिए यह दावा गलत है."
शंकराचार्यों ने किया ये दावा
ख्याल रहे कि अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले देश के चार शंकराचार्यों के नाराजगी का मुद्दा मीडिया में खूब छाया हुआ है. इन शंकराचार्यों ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में हिस्सा न लेने का फैसला किया है. ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का दावा है कि मंदिर का पूरा निर्माण नहीं हुआ है. इसलिए राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा किए जाने पर लगातार सवाल उठा रहे हैं. वहीं, पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने प्राण प्रतिष्ठा में परंपराओं का पालन न होने का इल्जाम लगाया है.
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के चीफ को पत्र लिखकर कहीं ये बात
इससे पहले विमुक्तेश्वरानंद सरस्वती 17 अक्टूबर को कहा, "राम मंदिर का अभी सिर बना ही नहीं, सिर्फ धड़ बना है और ऐसे में प्राण प्रतिष्ठा करना ठीक नहीं है." शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने 19 जनवरी को श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के चीफ महंत नृत्यगोपाल दास जी महाराज को पत्र लिखकर कहा था, "समाचार माध्यमों से पता चला है कि रामलला की मूर्ति किसी स्थान विशेष से राम मंदिर परिसर मे लाई गई है और उसी की प्राण प्रतिष्ठा निर्माणाधीन मंदिर के गर्भगृह में की जानी है. एक ट्रक भी दिखाया गया, जिसमें वह मूर्ति लाई जा रही बताई जा रही है."