सुप्रीम कोर्ट पहुंचा ज्ञानवापी मस्जिद मामला, पूजा के खिलाफ समिति की याचिका पर होगी सुनवाई
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सुप्रीम कोर्ट पहुंचा ज्ञानवापी मस्जिद मामला, पूजा के खिलाफ समिति की याचिका पर होगी सुनवाई

Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मस्जिद का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. यहां आज यानी सोमवार को मस्जिद में पूजा-पाठ के खिलाफ सुनावाई होगी. इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मस्जिद कमेटी की याचिका खारिज कर दी थी.

 

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा ज्ञानवापी मस्जिद मामला, पूजा के खिलाफ समिति की याचिका पर होगी सुनवाई

Gyanvapi Case: सुप्रीम कोर्ट अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की ओर से दायर याचिका पर आज यानी सोमवार को सुनवाई करेगा. याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ दायर की गई है, जिसमें वाराणसी कोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा गया है, जिसमें हिंदू पक्ष को ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिणी तहखाने में पूजा करने की इजाजत दी गई थी.

सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा केस
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर प्रकाशित वाद सूची के मुताबिक, CJI डी.वाई. चंद्रचूड़ की सदारत वाली पीठ 1 अप्रैल को ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति समिति की तरफ से दायर विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई करेंगे.

मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 26 फरवरी को ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिणी तहखाने में पूजा-पाठ की इजाजत देने वाले जिला अदालत के आदेश के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की तरफ से दायर याचिका को खारिज कर दिया था. ज्ञानवापी परिसर के धार्मिक चरित्र पर परस्पर विरोधी दावों से जुड़े सिविल कोर्ट में चल रहे एक मामले के बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह फैसला दिया था.

मुस्लिम पक्ष ने नकारा
हिंदू पक्ष ने कहा है कि 1993 तक सोमनाथ व्यास का परिवार मस्जिद के तहखाने में पूजा-पाठ करता था, मगर मुलायम सिंह यादव की कयादत नेतृत्व वाली तत्‍कालीन सरकार ने कथित तौर पर इस पर रोक लगा दी थी. मुस्लिम पक्ष ने इस दावे की मुखालफत की है और कहा है कि मस्जिद की इमारत पर हमेशा से मुसलमानों का कब्‍जा रहा है. ज्ञानवापी परिसर पर अहम विवाद में हिंदू पक्ष का यह दावा शामिल है कि उस जमीन पर एक प्राचीन मंदिर था, जिसका एक हिस्‍सा 17वीं शताब्दी में मुगल सम्राट औरंगजेब के शासन के दौरान गिरा दिया गया था. 

औरंगजेब से पहले मस्जिद
मुस्लिम पक्ष का कहना है कि मस्जिद औरंगजेब के शासनकाल से पहले की है और वक्त के साथ इसमें कई बदलाव हुए हैं. वाराणसी जिला अदालत ने 31 जनवरी के अपने आदेश में पुजारियों को ज्ञानवापी के दक्षिणी तहखाने में मूर्तियों की पूजा करने की इजाजत दी थी. इसके बाद 1 फरवरी की आधी रात को मस्जिद परिसर में धार्मिक समारोह का आयोजन किया गया था. बाद में दक्षिणी तहख़ाना भक्तों के लिए खोल दिया गया.

CM योगी ने की प्रार्थना
वाराणसी जिला न्यायाधीश ने जिला प्रशासन को मौजूदा ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर सीलबंद तहखानों ('व्यास जी का तहखाना') में से एक के अंदर पूजा अनुष्ठान के लिए 7 दिनों के भीतर उचित व्यवस्था करने का निर्देश दिया था. 13 फरवरी को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ज्ञानवापी परिसर का दौरा किया था और 'व्यास जी के तहखाने' में पूजा की थी.

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