इस्लामिक विद्वान और जामिया इमाम वलीउल्लाह ट्रस्ट के सद्र मौलाना कलीम सिद्दीकी को बड़े पैमाने पर लालच और धोखे से बड़े पैमाने पर धर्मांतरण करने के इल्जाम में गिरफ्तार किया गया था. बाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया था, जिसे यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
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नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के इस्लामिक विद्वान मौलाना कलीम सिद्दीकी का धर्मांतरण में क्या रोल है, इसपर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है. कलीम सिद्दीकी को सितंबर 2021 में कथित तौर पर धर्म परिवर्तन सिंडिकेट चलाने के इल्जाम में गिरफ्तार किया गया था.
न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति संजय कुमार की बेंच ने उत्तर प्रदेश राज्य की तरफ से पेश वकील से सिद्दीकी की भूमिका पर बयान देने को कहा है. पीठ ने 5 सितंबर को सुनवाई की अगली तारीख तय की है. इस मामले में 5 अप्रैल को इलाहाबाद उच्च न्यायालय से सिद्दीकी को मिली जमानत को यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है
उच्च न्यायालय ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं और उत्तर प्रदेश गैरकानूनी धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम, 2021 के प्रावधानों के तहत कथित अपराधों के लिए उनके खिलाफ दर्ज एक मामले में सिद्दीकी को जमानत दी थी.
सिद्दीकी को जमानत देते हुए उच्च न्यायालय ने कहा था कि मामले में सह-अभियुक्तों में से एक को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी थी, जबकि दूसरे को उच्च न्यायालय की समन्वय पीठ ने राहत दी थी. शीर्ष अदालत में मंगलवार को सुनवाई के दौरान, राज्य ने सिद्दीकी को दी गई जमानत का विरोध करते हुए कहा कि वह मुख्य साजिशकर्ता है. राज्य ने दलील दी कि उच्च न्यायालय ने सिद्दीकी को सिर्फ इस आधार पर जमानत दी थी कि सह-अभियुक्तों को राहत दी गई थी. "मामले में आगे की जांच से पता चला है कि कैसे राष्ट्रीय स्तर का नेटवर्क भारत के संविधान के खिलाफ युद्ध छेड़ने के मकसद की दिशा में काम कर रहा था और यह कैसे संविधान को 'शरिया’ कानून से बदलना चाहता है"- उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पेश वकील ने कहा.
वकील ने कहा कि किसी को भी अपना धर्म बदलने की इजाजत है. इसमें कोई समस्या नहीं है. लेकिन यहां जिन तरीकों का पालन किया जा रहा है. प्रलोभन, धमकी, यातना, पैसा, सब कुछ आ रहा है, उनका पालन करते हुए धर्मांतरण की अनुमति नहीं है.
इस्लामिक विद्वान और जामिया इमाम वलीउल्लाह ट्रस्ट के सद्र सिद्दीकी पर उनके द्वारा वित्त पोषित कई संगठनों और स्कूलों के माध्यम से और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से धन हासिल करके बड़े पैमाने पर धर्म परिवर्तन रैकेट चलाने का इल्जाम लगाया गया है. उन्हें सितंबर 2021 में उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद विरोधी दस्ते ने गिरफ्तार किया था. सिद्दीकी पर विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए संकट पैदा करने का भी इल्जाम लगाया गया है.
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