Delhi Riot 2020: दिल्ली दंगा मामले में 24 फरवरी, 2020 को गोकलपुरी इलाके में एक दुकान और एक गाड़ी में आग लगाने वाली दंगाई भीड़ में शामिल होने का इन चारों नौजवानों पर इल्जाम था, जिसे अदालत ने झूठा मानते हुए सभी को बरी कर दिया.
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नई दिल्लीः दिल्ली की एक अदालत ने 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक हिंसा (2020 Delhi riots) के एक मामले में सुनवाई करते हुए चार लोगों को दंगा फैलाने और एक दुकान में आग लगाने के इल्जामों से शुक्रवार को बरी कर दिया है. मोहम्मद शाहनवाज, मोहम्मद शोएब, शाहरुख और राशिद पर 24 फरवरी, 2020 को गोकलपुरी इलाके में एक दुकान और एक गाड़ी में आग लगाने वाली दंगाई भीड़ में शामिल होने का इल्जाम था.
सिपाही की गवाही को कोर्ट ने माना संदेहास्पद
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने कहा, ‘‘मैंने पाया कि मुल्जिमों के खिलाफ लगाए गए इल्जाम शक के दायरे में हैं. इसलिए, मुल्जिमों को इस मामले में उनके खिलाफ लगे सभी इल्जामों से बरी किया जाता है.’’ कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयान के मुताबिक, साबित हुआ है कि इलाके में तोड़फोड़ और आगजनी की घटना के दौरान गैरकानूनी तरीके से जमा भीड़ शामिल थी. मुल्जिमों की पहचान साबित करने के लिए अभियोजन पक्ष ने दो गवाहों-हेड कांस्टेबल हरी बाबू और कांस्टेबल विपिन को पेश किया था, जो मुबैयना तौर पर हादसे के वक्त ड्यूटी पर थे. अदालत ने कहा कि लेकिन हेड कांस्टेबल मुल्जिमों को पहचान नहीं सके. मौके पर जमा हुए लोगों की तादाद के संबंध में दोनों गवाहों के बयानों में भी साफ फर्क था.
खालिद सैफी की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई 21 नवम्बर तक स्थगित
दिल्ली हाई कोर्ट ने 2020 के दंगों के पीछे कथित साजिश से जुड़े गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) मामले में खालिद सैफी और दूसरे आरोपियों की जमानत याचिकाओं की सुनवाई शुक्रवार को 21 नवंबर तक टाल दी है. खालिद के अलावा, शिफा उर रहमान, सलीम खान, मीरान हैदर, गुलफिशा फातिमा और सलीम मलिक की जमानत याचिकाएं अदालत के सामने सूचीबद्ध थीं. कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां को जमानत देने के मामले में निचली अदालत के आदेश को दिल्ली पुलिस द्वारा दी गयी चुनौती भी बेंच के सामने लिस्टेड थी.
गौरतलब है कि ‘यूनाइटेड अगेंस्ट हेट’ के संस्थापक खालिद सैफी, शर्जिल इमाम, उमर खालिद और कई दूसरे लोगों पर आतंकवाद-विरोधी कानून यूएपीए और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. साल 2020 के दंगे में दिल्ली में 53 लोग मारे गए थे और 700 से ज्यादा घायल हुए थे.
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