नई दिल्ली: केंद्र सरकार के ज़रिए बनाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान कई महीनों से दिल्ली की सरहदों पर बैठे हुए हैं. जिन्होंने एक बार फिर भारत बंद का ऐलान कर दिया है. जानकारी के मुताबिक 26 मार्च को दिल्ली की सरहदों पर किसान आंदोलन को 4 महीने पूरे होने पर यह भारत बंद का ऐलान किया गया है. 


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4 महीनों में तीसरी बार भारत बंद का ऐलान
किसान संगठनों का कहना है कि यह भारत बंद भी पहले की तरह शांतिपूर्ण होगा. किसी भी तरह की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. साथ ही किसानों ने जनता सहयोग की अपील की है. बता दें कि देश में ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा जब 4 महीनों में तीन भारत बंद का ऐलान किया गया हो. इसके अलावा 19 मार्च को "मंडी बचाओ-खेती बचाओ" दिवस मनाने की भी बात कही गई है. 


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होली दहन पर जलाएंगे कानून प्रतियां
किसान नेता बुर्जगिल ने कहा कि 28 मार्च को होलिका दहन के दौरान नए कृषि कानूनों की प्रतियां जलाने का भी निर्णय लिया है. उन्होंने आगे कहा कि किसान आंदोलन लंबा चलने वाला है. 


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इन तारीखों का हुआ भारत बंद का ऐलान
सबसे 8 दिसंबर को 2020 उसके बाद 6 फवरवरी 2021 को भारत बंद के साथ-साथ देश के सभी नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे भी बंद करने का ऐलान किया गया था. वहीं अब तीसरी बार आगामी 26 मार्च को भारत बंद का ऐलान किया गया है. 


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सरकार और किसानों के दरमियान हुई 11 दौर की बातचीत
बता दें कि 1 दिसंबर से भारत सरकार और किसानों के बीच बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ था. 1 दिसंबर के बाद अलग-अलग तारीखों को 11 दौर की बात चीत हुई लेकिन किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सका. हालांकि सरकार इस दौरान किसानों को कई तरह के प्रस्ताव दिए लेकिन किसानों में इत्तेफाक राए की वजह से वो काबिले कुबूल नहीं हुए. सबसे अहम प्रस्ताव था कि सरकार तीनों कानून पर डेढ़ साल तक के लिए रोक लगाने पर राजी हो गई थी लेकिन किसान पूरी तरह रद्द करने की मांग पर अड़े रहे. 


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