एक पिता की व्यथाः आठ महीने से खोज रहा है बेटे की लाश; घर से उठा ले गए थे आतंकी, सिर्फ खून से भरे कपड़े ही मिले थे
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एक पिता की व्यथाः आठ महीने से खोज रहा है बेटे की लाश; घर से उठा ले गए थे आतंकी, सिर्फ खून से भरे कपड़े ही मिले थे


Jammu and Kashmir: मंज़ूर अहमद (Manzoor Ahmed) कहना है कि वह जानता है कि उसके बेटे (Shakir Manzoor) का अपहरण करके उसे मार डाला गया है. ये मारने वाले सारे के सारे आतंकी थे और ये सारे आतंकी पुसिल मुठभेड़ में मारे जा चुके है.

 

एक पिता की व्यथाः आठ महीने से खोज रहा है बेटे की लाश; घर से उठा ले गए थे आतंकी, सिर्फ खून से भरे कपड़े ही मिले थे

नई दिल्ली: रियासत जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में पिछले साल 2 अगस्त को एक फौजी जवान शाकिर मंज़ूर का आतंकियों ने अपहरण कर लिया था. उसके कुछ दिन बाद ही शोपियां (Shopian) के एक बाग में शाकिर मंज़ूर (Shakir Manzoor) के खून से लथपथ कपड़े मिले. इस वारदात को 8 महीने गुजर चुके हैं लेकिन शाकिर मंज़ूर (Shakir Manzoor) का कहीं भी पता नहीं चल सका.

बेटे की तलाश में जगह-जगह करते हैं खुदाई
इन 8 महीनों में शाकिर मंज़ूर (Shakir Manzoor) के पित मंज़ूर अहमद (Manzoor Ahmed) ने अपने बेटे की तलाश में जमीन-आसमान एक कर दिए लेकिन उन्हें अब तक अपने बेटे का कोई सुराग नहीं मिला है. पिता मंज़ूर अहमद (Manzoor Ahmed) ने अपने बेटे की तलाश में हर उस जगह की खुदाई भी की जहां उन्हें लगता है कि आतंकियों ने उसे मार कर दफन कर दिया होगा. मंजूर अहमद उस जगह भी कई बार खुदाई कर चुके हैं जहां उन्हें अपने बेटे के खून से लथपथ कपड़े मिले थे.

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बहन के सपने में आया था शाकिर मंज़ूर
 बुधवार को कई महिनों के बाद मंज़ूर अहमद (Manzoor Ahmed) फिर वहां पहुंच गए और खुदाई की, लेकिन कुछ नहीं मिला. मंज़ूर अहमद (Manzoor Ahmed) ने बताया, 'आज सुबह मेरी भतीजी उफैरा ने मुझे बताया कि उसने सपने में शाकिर भाई को देखा है. शाकिर ने उसे बताया कि उसका शरीर उसी जगह पर दफनाया गया है जहां उसके कपड़े एक खाई में मिले थे. मैंने अपने पड़ोसियों से कहा कि हम वहां जाएं और शव की तलाश करें. हम यहां आए और खुदाई शुरू कर दी, लेकिन हमें खाली हाथ ही लौटना पड़ा.

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2 अगस्त को आतंकियों ने किया अपरहण
गौरतलब है कि पिछले साल बकरीद (Eid ul Azha) के मौके पर फौजी जवान शाकिर मंज़ूर (Shakir Manzoor)अपने गांव रामबाग आए थे. 2 अगस्त को जब वह अपने ही घर पर थे, तो शाम के समय कुछ आतंकी उनके घर पहुंच गए. रिपोर्ट के मुताबिक, वे आतंकवादी जबरन उनके घर में घुस गए और उन्हें उठा कर ले गए थे. वापसी पर आतंकियों ने घर के बाहर मौजूद कार में आग भी लगा दी. उसके कुछ दिनों बाद घर से करीब तीन किलोमीटर दूर शाकिर मंज़ूर के कपड़े मिले. फिर अब तक कुछ पता नहीं चला.

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पुलिस नहीं मानती मुर्दा
पुलिस (Jummu and Kashmir Police) रिकार्ड के मुताबिक, शाकिर मंज़ूर (Shakir Manzoor) अब तक लापता है और उस मुर्दा घोषित नहीं किया है. जम्मू-कश्मीर पुलिस (Jummu and Kashmir Police) महानिदेशक, दिलबाग सिंह का कहना है, 'हमारे पास इसके कोई ठोस सबूत नहीं है कि शाकिर मंज़ूर (Shakir Manzoor) की हत्या करके उन्हें दफना दिया गया है. स्थानीय स्तर पर पुलिस पूरी कोशिश कर रही है. जब भी उन्हें कोई जानकारी मिलेगी तो उसे परिवार के साथ साझा किया जाएगा.'

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मंज़ूर अहमद (Manzoor Ahmed) कहना है कि वह जानता है कि उसके बेटे का अपहरण करके उसे मार डाला गया है. ये मारने वाले सारे के सारे आतंकी थे और ये सारे आतंकी पुसिल मुठभेड़ (Police Encounter) में मारे जा चुके है. वो बताते हैं कि जब भी उन्हें अपने बेटे शाकिर मंज़ूर की याद आती है तो उनकी आंखों से ज़ारो कतार आंसू जारी हो जाते हैं.

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