नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल ने हाल ही में अजान को लेकर डीएम को खत लिखा था. जिसमें उन्होंने अजान की तेज आवाज के अलावा मस्जिद से होने वाले अन्य ऐलानों के बारे में कहा था कि इससे मेरे योग, ध्यान और सरकारी कामों खलल पड़ता है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि कुछ मस्जिदों के नजदीक स्कूल भी हैं और मस्जिदों के लाउडस्पीकर से आने वाली अजान की आवाज से बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ता है. 


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योगी सरकार में संसदीय कार्य राज्य मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल अजान के बाद अब बुर्के को लेकर बड़ी कह दी है. उन्होंने कहा है कि मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक की तरह बुर्के से भी निजात दिलाई जाएगी. उन्होंने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कई मुस्लिम देशों में बुर्के पर पाबंदी है और यह गैर इंसानी रवैया है. इतना ही नहीं उन्होंने बुर्के को कुप्रथा तक करार दिया है. आनंद शर्मा का मानना है कि विकसित सोच वाले लोग न तो बुर्का पहन रहे हैं और न ही इसे बढ़ावा दे रहे हैं. 


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अबुल कलाम आजाद की भारतीयता पर उठा चुके हैं सवाल
बता दें कि यह पहली बार नहीं जब आनंद स्वरूप शुक्ल अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में आएं हैं. उन्होंने इससे पहले भी कई ऐसा बयान दिए हैं जिनकी वजह से सुर्खियों में आ जाते हैं. शुक्ल ने देश के पहले शिक्षा मंत्री डॉ. अबुल कलाम आजाद को लेकर भी बेतुकी टिप्पणी की थी. उन्होंने एक प्रोग्राम में खिताब करते हुए कहा था कि मुझे ये कहने में ज़रा भी संकोच नहीं है कि बदकिस्मिती से देश के पहले शिक्षा मंत्री अबुल कलाम आजाद के दिल में भारत और भारतीयता के लिए कोई जगह नहीं थी.


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